श्रीनगर/पहलगाम।
आस्था, विश्वास और आत्मिक अनुभूति की प्रतीक श्री अमरनाथ यात्रा बुधवार को विधिवत रूप से शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और बालटाल बेस कैंप से बाबा बर्फानी के पहले दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को पूजा-अर्चना और शंखनाद के साथ जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वीरवार को ये श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के प्रथम दर्शन करेंगे।
इस वर्ष की यात्रा पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को पहले से कहीं अधिक चाक-चौबंद किया गया है। पहले जत्थे में 5,469 श्रद्धालु और 423 साधु-संत शामिल थे, जिन्हें भारी सुरक्षा घेरे के बीच रवाना किया गया। देर शाम तक सभी यात्री बालटाल और पहलगाम पहुंच गए थे, जहां से आज तड़के वे पवित्र गुफा की ओर रवाना हो गए।
प्रशासन की योजना के मुताबिक दोनों पारंपरिक मार्गों से प्रतिदिन 10-10 हजार यात्रियों को पवित्र गुफा की ओर भेजा जाएगा। यात्रा के हर पड़ाव पर श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बनता है। कठुआ, सांबा, उधमपुर और श्रीनगर के पंथा चौक में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर-हर महादेव के जयघोष और भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि, “यह यात्रा सिर्फ आस्था की नहीं, आत्मखोज की भी यात्रा है। आतंकवादी घटनाएं इस यात्रा की पवित्रता और जनआस्था को नहीं डिगा सकीं। बाबा के भक्त पहले से अधिक संख्या में आ रहे हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यह यात्रा भय से नहीं, विश्वास से संचालित होती है।”
उन्होंने यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड, प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बल, और स्थानीय जनता यात्रियों को सुरक्षित और सुविधा जनक यात्रा देने के लिए समर्पित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष की यात्रा न केवल सुरक्षित, बल्कि इतिहास रचने वाली भी होगी।
जम्मू से लेकर गुफा की ओर बढ़ते हर पड़ाव तक, भक्तों की आंखों में श्रद्धा, दिल में भक्ति और जुबां पर “बम बम भोले” के जयघोष सुनाई दे रहे हैं। आस्था की इस अद्वितीय यात्रा ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि आतंक की कोई भी ताकत श्रद्धा की शक्ति के सामने टिक नहीं सकती