नई दिल्ली।
चार महीने के भद्र काल के बाद अब एक बार फिर शुभ कार्यों का दौर शुरू हो रहा है। कल (रविवार) देवोत्थान एकादशी के साथ ही विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों का शुभ समय औपचारिक रूप से आरंभ हो जाएगा। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत मानी जाती है।
शादी सीजन की शुरुआत के साथ ही गलियां, कॉलोनियां और गांव बैंड-बाजों व शादी के गीतों से गूंजने के लिए तैयार हैं। बाजारों में रौनक लौट आई है और दुकानदारों के चेहरों पर उत्साह साफ झलक रहा है।
व्यापारियों का अनुमान है कि इस बार के शादी सीजन में हजारों करोड़ रुपये तक के कारोबार की उम्मीद है। ज्वेलरी, कपड़े, कैटरिंग, डेकोरेशन और गिफ्ट आइटम की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
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ज्योतिषाचार्य प्रशांत शास्त्री के अनुसार, “देवोत्थान एकादशी स्वयं में अत्यंत शुभ होती है, इसलिए अलग से मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन विवाह करने से दंपती का जीवन सुख, समृद्धि और सौभाग्य से भर जाता है।”
इस वर्ष विवाह के प्रमुख शुभ मुहूर्त 2, 3, 7, 8, 12, 13, 22, 24 और 25 नवंबर, तथा 4 और 5 दिसंबर को हैं। ज्यादातर परिवारों ने 2 नवंबर को ही विवाह मुहूर्त तय किया है, जिसे इस सीजन का सबसे बड़ा विवाह महासंयोग बताया जा रहा है।
लंबे इंतजार के बाद अब शहर एक बार फिर शादी के रंग में रंगने जा रहा है। हर ओर खुशियों का माहौल है — बैंड-बाजा, बरात और बाजार सभी तैयार हैं नए जोड़ों का स्वागत करने के लिए।
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