दर्दनाक सड़क हादसा: ट्रेलर ने बाइक को मारी टक्कर, एक साल के बच्चे समेत चार की मौत
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भैरव अष्टमी, जिसे काल भैरव जयंती या काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है, भगवान शिव के उग्र स्वरूप भगवान काल भैरव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व बुधवार, 12 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान भैरव की विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और दर्शन का अत्यंत महत्व है।
भैरव अष्टमी की तिथि और मुहूर्त
- दिन: बुधवार, 12 नवंबर 2025
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 11 नवंबर 2025, रात 11:08 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 12 नवंबर 2025, रात 10:58 बजे
यह तिथि हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ती है। सामान्यतः यह पर्व नवंबर, दिसंबर या जनवरी के महीनों में आता है।
दर्दनाक हादसा: कालिका मेल की चपेट में आकर मिर्जापुर में छह यात्रियों की मौत
भगवान भैरव का स्वरूप और वाहन
भगवान भैरव को “दंडपाणि” कहा जाता है, क्योंकि वे अधर्म करने वालों को दंड देने वाले देवता हैं। उनका वाहन कुत्ता है, इसलिए उन्हें कुत्ते की सवारी करने वाले देवता के रूप में भी जाना जाता है। भैरव भक्त इस दिन कुत्तों को भोजन कराते हैं और भैरव मंदिरों में पूजा करते हैं।
भैरव भगवान की उत्पत्ति की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भैरव भगवान शिव के क्रोध से उत्पन्न हुए थे।
एक कथा के अनुसार, जब त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महादेव—में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ, तब ब्रह्मा के एक अपमानजनक वचन से शिव क्रोधित हो उठे। उनके क्रोध से भैरव प्रकट हुए और शिव के आदेश पर ब्रह्मा के पांच सिरों में से एक को काट दिया।
एक अन्य कथा के अनुसार, इस कारण भैरव पर ब्रह्महत्या का पाप लगा। पाप से मुक्त होने के लिए उन्होंने कपाली व्रत धारण किया और भिक्षुक के रूप में पृथ्वी पर भ्रमण किया। जब वे काशी (वाराणसी) पहुंचे, तब उनका पाप समाप्त हुआ। आज भी वाराणसी में स्थित काल भैरव मंदिर इस कथा की याद दिलाता है।
देव दीपावली पर झिलमिलाएगी काशी: गंगा घाटों पर दीपों का सागर,शिव भजनों की धुन पर होगा ग्रीन एरियल फायर लेजर शो और ‘ग्रीन क्रैकर्स’ से सजेगी दिव्यता
भैरव अष्टमी का धार्मिक महत्व
भैरव अष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की उपासना से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, मन की शांति, साहस, और समृद्धि प्राप्त होती है। श्रद्धालु इस दिन उपवास, आरती, और भैरव चालीसा का पाठ करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान भैरव की कृपा से जीवन में धन, स्वास्थ्य और सफलता आती है।

