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रायपुर, 17 अक्टूबर 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार की आक्रामक और बहुपक्षीय रणनीति के चलते माओवादी उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। बीते 22 महीनों में राज्य में कुल 477 माओवादी मारे गए, 2,110 ने आत्मसमर्पण किया और 1,785 को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र माओवादी हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हिंसा कभी समाधान नहीं हो सकती, यह केवल अंतहीन पीड़ा देती है। आत्मसमर्पण ही जीवन को नई दिशा देता है।” उन्होंने सभी माओवादियों से अपील की कि वे अपने भविष्य और परिवार के उज्जवल कल के लिए बंदूक छोड़ें और मुख्यधारा से जुड़ें।
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पुनर्वास नीति और “नियद नेल्ला नार” योजना का असर
राज्य सरकार की “माओवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी बदलाव की नींव रखी है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इन योजनाओं के प्रभाव से माओवादी प्रभाव वाले इलाकों में तेजी से बदलाव आया है। अब तक 64 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न केवल सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि गांव-गांव तक विश्वास और विकास की किरण पहुंची है।
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, सुरक्षा बलों की मुस्तैदी, और स्थानीय प्रशासन की सतत भागीदारी का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा बलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया और कहा कि उनकी वजह से आज बस्तर भयमुक्त हुआ है और शांति की ओर अग्रसर है।
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सरकार की नीति स्पष्ट: हिंसा नहीं, विकास का रास्ता
मुख्यमंत्री साय ने साफ कहा कि सरकार की नीति दो टूक है — हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जो माओवादी शांति और विकास का मार्ग चुनते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो आतंक फैलाएंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
साय ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह माओवादी हिंसा से मुक्त कर दिया जाए। इस दिशा में सरकार तेज़ी से आगे बढ़ रही है और बस्तर को “भय नहीं, विश्वास और विकास” की नई पहचान दी जा रही है।
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जनता में विश्वास, नक्सलियों में डर
बीते दो दिनों में 258 माओवादियों का आत्मसमर्पण, और माओवादियों द्वारा बड़े पैमाने पर मुख्यधारा में लौटने की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि अब बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति जीत रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय स्तर के नक्सल उन्मूलन अभियान को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है।

