बाल विवाह रोकने के लिए एक बड़ा अभियान: 11 जिलों पर होगा फोकस
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। CPI (माओवादी) के शीर्ष कमांडर और केंद्रीय समिति (CC) सदस्य रामधेर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। यह समर्पण आज सुबह कुम्ही गांव, थाना बकर कट्टा में हुआ, जहां सभी माओवादी कैडरों ने हथियार जमीन पर रखकर पुलिस के सामने खुद को सौंप दिया। सुरक्षा एजेंसियां इस कदम को नक्सली नेटवर्क पर सबसे बड़ा और निर्णायक झटका मान रही हैं, क्योंकि यह पूरा गुट MMC—महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़—स्पेशल जोनल कमेटी का सक्रिय हिस्सा था, जो तीन राज्यों के छह जिलों में फैला हुआ था।
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रामधेर मज्जी के पास मौजूद AK-47 के साथ सरेंडर करना संगठन के भीतर अब तक की सबसे बड़ी टूट बताया जा रहा है। मज्जी के साथ DVCM रैंक के चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी और प्रेम ने भी आत्मसमर्पण किया। इनमें से दो के पास AK-47 और INSAS रायफलें थीं। इसके अलावा ACM स्तर के माओवादी रामसिंह दादा और सुकेश पोट्टम ने भी हथियार डाल दिए। महिला मिलिशिया की लक्ष्मी, शीला, योगिता, कविता और सागर ने भी संगठन छोड़ने का निर्णय लिया। कुल मिलाकर इनसे AK-47, इंसास, SLR, .303 और 30 कार्बाइन सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।
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इस सामूहिक आत्मसमर्पण के बाद MMC स्पेशल जोन लगभग निष्प्रभावी हो गया है। इससे पहले MMC जोन के प्रवक्ता अनंत ने गोंदिया में आत्मसमर्पण किया था, जबकि पिछले 24 घंटों में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सुरेंद्र सहित नौ अन्य माओवादी भी हथियार डाल चुके हैं। लगातार हो रही ये सरेंडर श्रृंखलाएं संकेत दे रही हैं कि नक्सल संगठन की जमीनी पकड़ तेजी से ढह रही है और सुरक्षा बलों की रणनीति प्रभावी साबित हो रही है।वर्तमान में सभी 12 माओवादी पुलिस कस्टडी में हैं। पूछताछ शुरू हो चुकी है और पुलिस जल्द ही प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पूरे ऑपरेशन और इस नेटवर्क से जुड़े अहम खुलासे करने वाली है।

