पणजी (गोवा):
आयुर्वेद दिवस के अवसर पर पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को मुख्यधारा की चिकित्सा व्यवस्था में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। अब कैंसर मरीजों को एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत मंगलवार को गोवा स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda – AIIA) में देश की पहली इंटीग्रेटेड ऑन्कोलॉजी यूनिट की शुरुआत की गई।
संस्थान के निदेशक प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने जानकारी दी कि यह यूनिट कैंसर के इलाज में आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के सम्मिलन का एक मॉडल होगी। साथ ही, यहां एक ब्लड बैंक की स्थापना भी की गई है, जो आयुर्वेदिक संस्थानों में अपनी तरह की पहली सुविधा है।
यह पहल केंद्र सरकार द्वारा सभी राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थानों को कैंसर चिकित्सा से जोड़ने के निर्णय का हिस्सा है। इसका उद्देश्य कैंसर मरीजों को अधिक समग्र, सुरक्षित और सहायक उपचार उपलब्ध कराना है।
इस वर्ष पहली बार 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया गया, जो पहले धनतेरस के दिन मनाया जाता था। गोवा में आयोजित मुख्य समारोह की थीम थी “Ayurveda for People, Ayurveda for Planet”। इस बदलाव का उद्देश्य स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा, प्राकृतिक संतुलन और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
आयुष मंत्रालय के इस कदम को आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव माना जा रहा है। आने वाले समय में देश के अन्य आयुर्वेदिक संस्थानों में भी इसी मॉडल को अपनाने की योजना है।

