केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों के लिए एक अत्यंत ज़रूरी एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नकली और घटिया क्वालिटी वाली एनसीईआरटी किताबें (Fake NCERT Books) धड़ल्ले से बिकने पर गहरी चिंता जताई गई है। ये नकली किताबें बच्चों को गलत जानकारी देकर उनके शैक्षणिक भविष्य को खतरे में डाल रही हैं। एक तरफ जहां बोर्ड असली किताबें खरीदने की सलाह दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा (5th 8th Board Exam) को लेकर निजी स्कूलों ने फिर से बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उनका तर्क है कि जब पाठ्यपुस्तक निगम की किताबें ही नहीं मिलीं, तो छात्र परीक्षा कैसे देंगे?

नकली NCERT किताबें: बच्चों की पढ़ाई पर खतरा

सीबीएसई ने स्कूलों को सचेत किया है कि बाजार में सस्ते दामों पर नकली एनसीईआरटी किताबें बिक रही हैं, जो न केवल प्रिंटिंग की गलतियों से भरी हैं बल्कि उनके कंटेंट में भी गंभीर त्रुटियां हैं। इससे छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित हो रही है और परीक्षा में उन्हें नुकसान हो सकता है। यह एडवाइजरी कई जगहों से नकली किताब की शिकायतें आने के बाद जारी की गई है।

बोर्ड ने स्कूलों को सख्त निर्देश दिया है कि वे अभिभावकों (Parents) और छात्रों को केवल असली किताबें ही खरीदने की सलाह दें। साथ ही, उन्हें यह अंतर भी बताएं कि असली और नकली किताबों में पहचान कैसे करें। यदि स्कूल स्वयं किताबें खरीदकर वितरित करते हैं, तो उन्हें केवल NCERT के अधिकृत विक्रेताओं या रीजनल प्रोडक्शन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स से ही किताबें लेने का निर्देश दिया गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी यह जानकारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे भी अपने सामान्य ज्ञान के आधार को मजबूत करने के लिए इन किताबों का अध्ययन करते हैं।

असली NCERT किताबें कहाँ मिलेंगी?

बच्चों का भविष्य दांव पर न लगे, इसके लिए सीबीएसई ने असली किताबें (Original NCERT Books) खरीदने के प्रमाणित माध्यम भी बताए हैं:

  • NCERT के रीजनल प्रोडक्शन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स।

  • NCERT की ऑफिशियल वेबसाइट पर लिस्टेड अधिकृत विक्रेता।

  • पालक NCERT पोर्टल की पोस्टल सप्लाई सर्विस से घर बैठे किताब मंगा सकते हैं।

  • NCERT के ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोरफ्रंट से ऑर्डर किया जा सकता है।

बोर्ड ने स्कूलों से यह अकादमिक ईमानदारी बनाए रखने वाली जानकारी शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों तक अनिवार्य रूप से पहुंचाने की गुजारिश की है।

5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा पर फिर विवाद, निजी स्कूल कोर्ट पहुंचे

शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पांचवी-आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी के बीच निजी स्कूलों ने फिर से बगावत कर दी है। जिला शिक्षा कार्यालयों द्वारा प्रश्नपत्रों की छपाई के लिए छात्रों की संख्या मांगने पर, निजी स्कूलों ने संख्या देने से इनकार कर दिया है और वे एक बार फिर न्यायालय चले गए हैं।

निजी स्कूलों का मुख्य तर्क यह है कि पाठ्यपुस्तक निगम की कई किताबें उन्हें सत्र शुरू होने के 2-3 महीने बाद मिली हैं, या अभी भी नहीं मिली हैं। इसके कारण उन्हें छात्रों को NCERT तथा निजी प्रकाशकों की किताबों से पढ़ाई करवानी पड़ी है। उनका कहना है कि अगर परीक्षा के सवाल पाठ्यपुस्तक निगम की किताबों से पूछे जाएंगे, तो छात्रों के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जैसा कि पिछले वर्ष भी विवाद हुआ था और उन्हें कोर्ट से राहत मिल गई थी। यह विवाद शिक्षा प्रणाली और पाठ्यक्रम एकरूपता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

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