छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन और आर्थिक प्रबंधन की दिशा में बढ़ाया महत्वपूर्ण कदम**
रायपुर, 14 नवम्बर 2025 — मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिए गए जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव किसानों, शहरी आवास, प्रशासनिक सुगमता और खेल संरचना पर पड़ने वाला है। बैठक की शुरुआत कृषि क्षेत्र की समीक्षा से हुई जहाँ सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि दलहन और तिलहन उत्पादक किसानों को किसी भी प्रकार की अनिश्चितता का सामना नहीं करना पड़ेगा। मंत्रिपरिषद ने खरीफ और रबी विपणन मौसम में अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, चना, सरसों और मसूर जैसी फसलों को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लेते हुए यह संदेश दिया कि प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की प्राथमिकता है। समर्थन मूल्य पर खरीद से बाजार में स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा बनी रहती है जिससे किसान अपनी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त कर पाते हैं और कृषि से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों में स्थिरता आती है।
बैठक में शासन संरचना को अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने की दिशा में भी अहम निर्णय लिया गया। सार्वजनिक उपक्रम विभाग को वाणिज्य और उद्योग विभाग में तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग को योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग में विलय करने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की मंजूरी दी गई। सरकार का मानना है कि इस पुनर्संरचना से प्रशासनिक समन्वय बढ़ेगा, निर्णय-प्रक्रिया तेज होगी और ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ की अवधारणा को वास्तविक रूप मिलेगा। यह कदम न केवल शासन की कार्यक्षमता बढ़ाने वाला है बल्कि अनावश्यक विभागीय जटिलताओं को कम करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
धान खरीदी व्यवस्था की चर्चा भी कैबिनेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को बिना किसी वित्तीय अड़चन के सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से सरकार ने पूर्व स्वीकृत पन्द्रह हजार करोड़ रुपये की शासकीय प्रत्याभूति को पुनर्वेधीकृत करने के साथ ही विपणन संघ को ग्यारह हजार दो सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस निर्णय से खरीदी केंद्रों के संचालन, परिवहन, भंडारण और किसानों के भुगतान की व्यवस्था पहले की तरह निर्बाध रूप से जारी रहेगी और किसानों को समय पर भुगतान मिलना सुनिश्चित होगा।
आवास योजनाओं को लेकर भी बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। दीनदयाल आवास योजना, अटल आवास योजना, अटल विहार योजना और नवा रायपुर मुख्यमंत्री आवास योजना में संशोधित नियमों को मंजूरी देते हुए सरकार ने यह व्यवस्था लागू की कि ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के जो भवन या फ्लैट तीन बार विज्ञापन के बाद भी अविक्रित रह जाते हैं उन्हें किसी भी आय वर्ग के इच्छुक लोगों को बेचा जा सकेगा हालांकि अनुदान का लाभ सिर्फ निर्धारित आय वर्ग को ही प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई निजी संस्था, सरकारी या अर्धसरकारी संस्था या कोई व्यक्ति एक साथ अनेक भवन खरीदने का प्रस्ताव देता है तो Bulk Purchase की अनुमति भी प्रदान की गई है। इस बदलाव का उद्देश्य अविकसित पड़ी परिसंपत्तियों को उपयोग में लाना, आवास योजनाओं की गति बढ़ाना और शहरी आवास की उपलब्धता को विस्तृत करना है। सरकार ने इस निर्णय के व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए हैं ताकि अधिकाधिक हितग्राही इसका लाभ उठा सकें।
खेल अधोसंरचना को लेकर भी मंत्रिपरिषद ने अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया। नवा रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को दीर्घकालीन संचालन, रखरखाव और विकास कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ को लीज पर देने की मंजूरी प्रदान की गई है। सरकार को विश्वास है कि इस कदम से राज्य के युवा क्रिकेटरों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण और आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी तथा भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अधिक मैचों का आयोजन छत्तीसगढ़ में संभव हो सकेगा। इससे राज्य में खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और खेल क्षेत्र में नई संभावनाओं का विस्तार होगा।
मंत्रिपरिषद के इन निर्णयों से स्पष्ट है कि सरकार कृषि से लेकर आवास, प्रशासनिक दक्षता से लेकर खेल संरचना तक, हर क्षेत्र में संतुलित और लक्ष्य आधारित काम कर रही है। बैठक में लिये गये फैसले छत्तीसगढ़ के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद जगाते हैं और आने वाले वर्षों में इनके व्यापक सकारात्मक प्रभाव दिखने की संभावना है।

