रायपुर, 15 नवंबर 2025 —
धान खरीदी तिहार के पहले ही दिन प्रदेशभर में अव्यवस्था सामने आने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि किसानों को न टोकन मिला, न बारदाना और न ही तौल-कांटे उपलब्ध थे। किसान घंटों इंतजार के बाद मायूस होकर घर लौट गए, जबकि सरकार धान खरीदी तिहार का जश्न मनाने के दावे कर रही है।
दीपक बैज ने कहा कि ऑनलाइन टोकन जारी नहीं हो रहा और ऑफलाइन व्यवस्था भी अस्तित्वहीन है। सोसायटी कर्मचारी हड़ताल पर हैं और उनकी मांगें पिछले खरीफ सीजन में मानने का लिखित आश्वासन देने के बाद भी पूरी नहीं की गईं। अब संवाद करने के बजाए सरकार सहयोगी समितियों के कर्मचारियों पर एस्मा लगाकर नौकरी से निकाले जाने की धमकी दे रही है। उन्होंने कहा, “यह सरकार अपनी वादाखिलाफी छुपाने बर्बरता पर उतर आई है।”
बैज ने धान उपार्जन केंद्रों की बदहाल व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि उपार्जन केंद्रों से धान परिवहन और मिलिंग को लेकर अभी तक किसी प्रकार का ठोस निर्णय नहीं है। न केंद्रों पर अधिकारी मौजूद, न व्यवस्था का कोई जिम्मेदार।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 2739 उपार्जन केंद्रों में एक भी जगह किसानों को टोकन उपलब्ध नहीं हुआ। समर्थन मूल्य पर धान बेचने पहुंचे किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हुए। बैज ने कहा कि सरकार का वैकल्पिक व्यवस्था का दावा भी झूठा निकला, क्योंकि खरीदी केंद्रों पर न कर्मचारी मौजूद थे और न ही कोई मंत्री अथवा भाजपा नेता व्यवस्था देखने पहुंचे।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार धान खरीदी की तैयारी में इतनी बड़ी गड़बड़ी दिखाई दे रही है। एग्रीस्टेक पोर्टल में रकबा एंट्री में भारी त्रुटियां हैं, 7 लाख से अधिक किसान पंजीकरण से वंचित हो चुके हैं और इस वर्ष 5 लाख हेक्टेयर रकबा घटा दिया गया है। दान व लीज की भूमि पर खेती करने वाले किसानों का भी पंजीयन नहीं हो पा रहा, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।
बैज ने कहा कि यह स्थिति बताती है कि सरकार की मंशा किसानों से सुचारू और निर्बाध धान खरीदी कराने की नहीं है। उन्होंने कहा, “कथनी और करनी का फर्क साफ दिख रहा है, छत्तीसगढ़ का किसान भाजपा सरकार की बदनीयती को समझ रहा है।”

