सरकारी कर्मचारियों के लिए सस्ता और आसान होम लोन: जानें HBA योजना की खासियत
रियल एस्टेट की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल बना दिया है। जमीन से लेकर निर्माण सामग्री तक की महंगाई ने कई परिवारों के घर बनाने या खरीदने के सपने को टाल दिया है। लेकिन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस (HBA) योजना इस मुश्किल समय में राहत का विकल्प बनकर सामने आई है।
HBA योजना सरकारी कर्मचारियों को घर निर्माण, पहले से बने मकान की खरीद, मरम्मत और प्लॉट खरीद जैसी हर जरूरत के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके तहत कर्मचारी अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार भविष्य के घर की योजना बना सकते हैं।
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योजना के तहत लोन की राशि कर्मचारी की वेतन-आधारित होती है, यानी बेसिक सैलरी और डीए के आधार पर 34 गुना तक लोन लिया जा सकता है। हालांकि, अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये तय की गई है। मरम्मत, विस्तार या पुनर्निर्माण के लिए अलग नियम लागू हैं, ताकि सहायता वास्तविक जरूरत के अनुसार मिले।
HBA योजना की सबसे बड़ी खूबी इसकी स्थिर ब्याज दर है। जहां बाजार में होम लोन की दरें बदलती रहती हैं, वहीं HBA में यह लगभग 6 से 7.5 प्रतिशत के बीच स्थिर रहती है। इससे कर्मचारियों को EMI बढ़ने की चिंता नहीं रहती और वे लंबी अवधि की वित्तीय योजना आसानी से बना सकते हैं।
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योजना की पात्रता भी सरल है। इसके लिए कर्मचारी का केंद्रीय सरकार में स्थायी होना और कम से कम पांच साल की सेवा पूरी करना जरूरी है। साथ ही यह शर्त है कि पहले से किसी सरकारी आवास योजना का लाभ न लिया गया हो। कुछ परिस्थितियों में अस्थायी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकता है।
तेजी से बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतों और अस्थिर ब्याज दरों के बीच HBA योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए सस्ता, सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प साबित हो रही है। स्थिर EMI, स्पष्ट नियम और कम ब्याज दरों ने इसे कर्मचारियों के लिए घर बनाने और खरीदने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
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