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जशपुर। निवेश पर तीन गुना रकम लौटाने का लालच देकर ग्रामीणों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाली फर्जी कंपनी ‘सी बुल्स ग्लोबल सॉल्यूशन’ के तीन आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। जशपुर पुलिस ने लगातार की जा रही खोजबीन, तकनीकी विश्लेषण और मुखबिरों की सक्रियता के जरिए इस बड़े ठगी मामले का पर्दाफाश करते हुए कंपनी के तथाकथित एमडी मोहम्मद सिराज आलम, उसके साथी इमरान खान और संतोष कुमार साव को झारखंड के बोकारो और रांची से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
फर्जी निवेश कंपनी चलाकर 06 करोड़ रुपए की ठगी — जशपुर पुलिस ने झारखंड से तीन आरोपियों को दबोचा
मामला पत्थलगांव थाना क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2023 में सामने आया था, जब ग्रामीणों को कृषि प्रोडक्ट और शेयर मार्केट में निवेश कराने का लालच देकर मोटी रकम ऐंठी गई। पत्थलगांव के रहने वाले जागेश्वर लाल यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी संतोष कुमार साव ने होटल मान्या में एक मीटिंग रखी थी। वहाँ किसान और ठेकेदारी का कार्य करने वाले ग्रामीणों को समझाया गया कि कंपनी जल्द ही कृषि उत्पादों का नया प्लांट लगाने जा रही है, जिसमें निवेश कर अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। शुरुआत में निवेशकों को प्रतिमाह कुछ रकम ब्याज के रूप में दी भी गई, जिससे भरोसा बढ़ गया और अधिक लोग जुड़ते चले गए।
कुछ समय बाद कंपनी के द्वारा अपना प्लान बदलकर इसे शेयर मार्केट की ट्रेडिंग कंपनी बताया गया और निवेश पर प्रतिदिन एक प्रतिशत का ब्याज देने का दावा किया गया। 10 महीनों में निवेश की राशि तीन गुना होने की बात पर ग्रामीण लोग और अधिक लालच में आ गए। जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, अंबिकापुर और घरघोड़ा में बड़े स्तर पर मीटिंगें कराई गईं। फेडरल और इंडसइंड बैंक के चेक गारंटी के तौर पर दिए गए, ताकि लोग निवेश करने में संकोच न करें। इसी भरोसे में रहकर जागेश्वर यादव के साथियों सहित कई ग्रामीणों ने करीब 6 करोड़ रुपए कंपनी में लगा दिए।
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ग्रामीणों के अनुसार ठगी करने का तरीका यह था कि शुरुआती छह महीनों तक पुराने निवेशकों को उसी रकम में से ब्याज की राशि लौटाई जाती रही, जिसे नए निवेशकों से लिया गया था। जैसे ही नए निवेशक मिलने बंद हुए, ब्याज देना भी रूक गया। जब ग्रामीणों ने अपनी रकम वापस मांगी, तो ठगों के द्वारा टालमटोल की जाने लगी। फिर कंपनी की वेबसाइट बंद कर दी गई, फोन स्विच ऑफ कर दिए गए और सभी आरोपी फरार हो गए।
पुलिस ने शिकायत मिलने पर भादवि की धारा 420, 120बी और 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। दो आरोपियों हरिशरण देवांगन और संतोष कुमार साहू को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मुख्य आरोपी मोहम्मद सिराज आलम और उसके सहयोगी काफी लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस की तकनीकी टीम ने आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर बोकारो और रांची में दबिश दी और तीनों को पकड़कर जशपुर लाया गया। उनके कब्जे से मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, लैपटॉप और बैंक से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं। बैंक खातों व डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है।
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पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि पैसा लौटाने का कोई वास्तविक माध्यम नहीं था। निवेशकों से मिलने वाली रकम ही ब्याज के रूप में आगे बाटी जाती थी। यह पूरा मामला एक योजनाबद्ध धोखाधड़ी पर आधारित था, जिसके जरिए ग्रामीणों की मेहनत की कमाई हड़पी गई।
इस कार्रवाई में साइबर सेल जशपुर के निरीक्षक संत लाल आयाम, उप निरीक्षक नसीरुद्दीन अंसारी, थाना पत्थलगांव के निरीक्षक विनीत पांडे, सहायक उप निरीक्षक लोखेश साहू और आरक्षक तुलसी रात्रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा कि ग्रामीणों को लालच देकर ठगी करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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