रायपुर, 19 सितंबर।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जीएसटी के मुद्दे पर बड़ा हमला बोला है। वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि 1 जुलाई 2017 से अब तक आठ सालों तक जनता से जीएसटी के नाम पर लूट की गई है। भाजपा को सबसे पहले इसके लिए माफी मांगनी चाहिए, उसके बाद जीएसटी 2.0 के नाम पर सुधार की चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आधी रात को घंटा बजाकर बिना तैयारी लागू किए गए जीएसटी ने उद्योग-व्यवसाय चौपट कर दिए और महंगाई-बेरोजगारी बढ़ाई। अब भाजपा इसे उपभोक्ता हितैषी बताकर झूठा प्रचार कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि नए प्रावधानों में 40 वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ा दी गई है, जिनमें 17 वस्तुएं 28% से बढ़ाकर सीधे 40% स्लैब में और 19 वस्तुएं 12% से बढ़ाकर 18% स्लैब में डाल दी गई हैं। रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर और होटल रूम रेंट जैसे क्षेत्रों में भी कर दरें बढ़ाई गई हैं। कोयले पर टैक्स 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है, जिससे बिजली उत्पादन महंगा होगा और अंततः उपभोक्ता पर बोझ पड़ेगा।
वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार 2 स्लैब का दावा कर रही है लेकिन वास्तव में जीएसटी 2.0 में 6 स्लैब होंगे—जीरो, निल रेटेड, 5%, 18%, 40% और सोना-चांदी पर अलग दर। इसके अलावा 35 से अधिक कृषि उत्पाद अभी भी जीएसटी के दायरे में हैं। कई सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट खत्म कर दिया गया है, जिससे कारोबारियों को नुकसान और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि कंपनसेशन सेस का लक्ष्य पहले ही पूरा हो चुका है और राज्यों को क्षतिपूर्ति 2022 में बंद कर दी गई थी, फिर भी केंद्र सरकार वसूली जारी रखे हुए है। अब 40% का नया स्लैब लाकर सरकार सेस का लाभ भी अपने खाते में डालना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे ऑटोमोबाइल और अन्य सेक्टरों में उपभोक्ताओं को राहत देने की बजाय उनका हक सरकार खुद हड़प रही है।
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकारें कर वसूली में अंग्रेजों से भी ज्यादा बेरहम हैं और जनता के साथ लगातार छल कर रही हैं।

