बिलासपुर: हाईकोर्ट ने राज्य के श्मशान घाटों और अंत्येष्टि स्थलों की स्थिति में सुधार के लिए निर्देश दिए हैं। अवकाश पर सोमवार को संज्ञान लेकर जारी आदेश में कोर्ट ने कहा है कि सम्मानजनक मृत्यु और दाह संस्कार का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों में शामिल है।

Narayanpur Anti Naxal Operation: अबूझमाड़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशन, जवानों ने बरामद की भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोई व्यक्ति स्वर्ग सिधार जाता है, तो उसका शरीर सम्मानजनक विदाई का हकदार होता है। शव कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसका अमानवीय तरीके से अंतिम संस्कार किया जाए। मृत व्यक्ति के साथ भावनाएं जुड़ी होती हैं, इसलिए परिवार के सभी सदस्य-रिश्तेदार आदि निश्चित रूप से उसे सम्मानजनक तरीके से और शांतिपूर्ण माहौल में अंतिम विदाई देना चाहेंगे। ऐसी सार्वजनिक सुविधाओं में सभ्य और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है। ऐसा न करना संविधान, नगरपालिका अधिनियमों और विभिन्न पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य कानूनों के तहत अपने कर्तव्य का परित्याग है। ऐसी स्थिति लगभग पूरे राज्य में मौजूद है, खासकर जब उक्त मुक्तिधाम किसी ग्राम पंचायत या ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

दरअसल चीफ जस्टिस रहंगी ग्राम पंचायत स्थित मुक्तिधाम (अंत्येष्टि स्थल) में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। वहां मुक्तिधाम दयनीय स्थिति में पाया। उक्त मुक्तिधाम में न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं हैं। कोई चारदीवारी या बाड़ नहीं है जिससे यह पहचाना जा सके कि वह क्षेत्र कितना है या किस स्थान तक अंतिम संस्कार, दाह संस्कार या दफ़नाया जा सकता है। वहां कोई पहुंच मार्ग नहीं है और उक्त मार्ग खाइयों से भरा हुआ है। इस बरसात के मौसम में, यह पानी से भर गया था जिससे लोगों के लिए श्मशान घाट तक पहुंचनाएक थकाऊ काम बन गया है। यह इलाका झाड़ियों से भरा है, जो यह साँपों और अन्य ज़हरीले कीड़ों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल होने से खतरनाक है। इसके अलावा, यह भी देखा गया कि सफाई का पूर्ण अभाव था। दाह संस्कार से पहले और बाद में इस्तेमाल की गई चीज़ें, फेंक दिए गए कपड़े, पॉलीथीन बैग, शराब की बोतलें पड़ी थीं। अंत्येष्टि में शामिल होने वालों के लिए शेड या बैठने की कोई सुविधा नहीं है। लोगों को हर मौसम में घंटों खुले आसमान के नीचे खड़े रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। रोशनी, डस्टबिन, देखभालकर्ता नहीं है, जिससे किसी भी प्रकार की सहायता सेवा के लिए संपर्क किया जा सके। अधिकृत कर्मियों का मोबाइल नंबर दर्शाने वाला कोई साइनबोर्ड नहीं है, न ही शौचालय है।

CG CRIME : घर में अकेली महिला के साथ प्रधान पाठक ने की दुष्कर्म की कोशिश, पुलिस ने शुरू की जांच

  • नगर निगम, स्थानीय निकाय अंत्येष्टि स्थल पर तत्काल व्यापक सफ़ाई और स्वच्छता अभियान चलाए।
  • कचरा, खरपतवार, जमा पानी और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को हटाया जाए।
  • बुनियादी ढांचे की मरम्मत, जिले के सभी श्मशान घाटों की स्थिति की निगरानी।
  • सभी श्मशान-दफन के लिए एक रजिस्टर (डिजिटल या मैनुअल) रखा जाए।
  • स्थल पर एक हेल्पलाइन नंबर और शिकायत निवारण तंत्र प्रदर्शित किया जाए
  • राज्य जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर सकता है, जिसमें नगरपालिका अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी और स्थानीय गैर सरकारी संगठन शामिल होंगे, जो नियमित अंतराल पर श्मशान घाटों का निरीक्षण करेंगे।
  • राज्य सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी श्मशान-अंत्येष्टि घाटों के रखरखाव और उन्नयन के लिए पर्याप्त धनराशि का आवंटन सुनिश्चित करेगी।
  • राज्य श्मशान घाटों के उन्नयन और सुधार के लिए न्यूनतम मानक दिशानिर्देश रोडमैप तैयार कर सकता है।

रायपुर में MDMA ड्रग्स का सनसनीखेज वीडियो वायरल, युवक नोट से ड्रग्स की लाइन खींचते कैमरे में कैद

कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग को इस याचिका में पक्षकार प्रतिवादी संख्या 8 के रूप में पक्षकार बनाए। इसके अलावा, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार, सचिव, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग, और जिला मजिस्ट्रेट-कलेक्टर, बिलासपुर को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

Share.

About Us

CG NOW एक भरोसेमंद और निष्पक्ष न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो आपको छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया भर की ताज़ा, सटीक और तथ्य-आधारित खबरें प्रदान करता है। हमारी प्राथमिकता है जनता तक सही और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाना, ताकि वे हर पहलू से जागरूक और अपडेटेड रहें।

Contact Us

Syed Sameer Irfan
📞 Phone: 94255 20244
📧 Email: sameerirfan2009@gmail.com
📍 Office Address: 88A, Street 5 Vivekanand Nagar, Bhilai 490023
📧 Email Address: cgnow.in@gmail.com
📞 Phone Number: 94255 20244

© 2025 cgnow.in. Designed by Nimble Technology.

error: Content is protected !!
Exit mobile version