छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर के ग्राम बंजारी में आज इतिहास रच गया जब देश के केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (एनएफएसएल) की आधारशिला रखी। साथ ही उन्होंने एनएफएसयू के अस्थायी परिसर और आई-हब रायपुर का वर्चुअल उद्घाटन कर छत्तीसगढ़ को एक साथ तीन बड़ी सौगातें दीं।

268 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण, 40 एकड़ में बनेगा आधुनिक परिसर

नवा रायपुर के बंजारी गांव में 40 एकड़ भूमि पर दोनों संस्थानों के लिए अत्याधुनिक परिसर बनाया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रूप से 130–130 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अस्थायी परिसर से ही वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से बीएससी, एमएससी फॉरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फॉरेंसिक, मनोविज्ञान व प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स शुरू होंगे।

वैज्ञानिक अनुसंधान और अपराध जांच में मिलेगी क्रांति

एनएफएसयू और एनएफएसएल की स्थापना से साइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान, फॉरेंसिक मनोविज्ञान और डिजिटल फॉरेंसिक के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ और पूरे मध्य भारत को नई ऊंचाई मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि अब डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, साइबर फॉरेंसिक, एलएसडी साइंस और बायोटेक्नोलॉजी जैसी आधुनिक तकनीकें स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगी, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और सटीक हो सकेगी।

 आई-हब से स्टार्टअप्स को मिलेगा नया आयाम

आई-हब रायपुर की शुरुआत गुजरात मॉडल पर आधारित है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्टार्टअप कल्चर, तकनीकी सहायता, निवेश और प्रोफेशनल सेवाएं प्रदान करना है। गृहमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे उद्योगपति बनें, स्टार्टअप शुरू करें और राज्य की औद्योगिक प्रगति में भागीदार बनें।

 नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना

अमित शाह ने वर्षा ऋतु में भी नक्सल विरोधी अभियान के संचालन को ऐतिहासिक कदम बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णायक नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर विकास यात्रा में शामिल होने की अपील की और बताया कि नई आपराधिक संहिताओं के तहत अब 7 वर्ष से अधिक की सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनएफएसयू जैसे संस्थान छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि 40 एकड़ भूमि की निशुल्क उपलब्धता और ट्रांजिट कैंपस का निर्माण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि एनएफएसयू से न केवल प्रशिक्षण बल्कि फॉरेंसिक उपकरणों का नवाचार और निर्माण भी होगा। यह संस्थान शोध, परामर्श, तकनीकी सहायता और क्षेत्रीय प्रशिक्षण का भी केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि 33 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट स्थापित की जा रही हैं, जिसके लिए केंद्र ने 24 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

 देशभर में 16 कैंपस, भारत बनेगा वैश्विक लीडर

अमित शाह ने जानकारी दी कि देशभर में एनएफएसयू के 16 परिसरों की स्थापना हो चुकी है और 10 प्रस्तावित हैं। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2026 तक वैश्विक फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी मार्केट 55 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिसमें भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी। एनएफएसयू से स्नातक करना रोजगार की गारंटी बनेगा।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, डीजीपी श्री अरुण देव गौतम, एनएफएसयू गांधीनगर निदेशक डॉ. एसओ जुनारे, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे। यह अवसर छत्तीसगढ़ के आधुनिकीकरण, रोजगार, कानून व्यवस्था और शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है, जो आने वाले वर्षों में राज्य की पहचान को सुरक्षा, अनुसंधान और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

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