रायपुर | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा न आए, इसके लिए एक संवेदनशील और त्वरित निर्णय लिया है। राज्य के निजी स्कूलों में पाठ्यपुस्तक वितरण को लेकर आ रही तकनीकी अड़चनों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी निजी विद्यालयों को बारकोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 7 दिनों की मोहलत दी जाए।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रदेश के 1100 से अधिक सरस्वती शिशु मंदिर सहित हजारों निजी स्कूलों को किताबों की आवश्यकता है, लेकिन डिपो स्तर पर बारकोड स्कैनिंग पूरी न होने से वितरण प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी।

पारदर्शिता के लिए दो बारकोड: किताबों पर नई तकनीकी व्यवस्था

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से हर किताब पर दो बारकोड लगाए गए हैं – एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा उस स्कूल के लिए जहां किताबें भेजी जानी हैं। यह कदम पिछले वर्ष सामने आई कुछ अनियमितताओं के अनुभव के बाद उठाया गया है।

2.41 करोड़ किताबें छप चुकीं, 90% स्कूलों में स्कैनिंग पूरी

राजा पाण्डेय ने यह भी जानकारी दी कि कक्षा 1 से 10 तक की 2.41 करोड़ किताबें 17–18 जून तक सभी डिपो में पहुंचा दी गई थीं। शासकीय स्कूलों में कक्षा 9वीं और 10वीं की किताबें पहले ही वितरित की जा चुकी हैं और लगभग 90% स्कूलों में स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आत्मानंद विद्यालयों में भी 60% किताबें पहुंच चुकी हैं और वितरण कार्य तेजी से चल रहा है।

अब स्कैनिंग के बाद ही मिलेंगी किताबें

इस बार निजी स्कूलों को किताबें तभी दी जा रही हैं जब स्कूल संबंधित बारकोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं। पहले यह प्रक्रिया ज़िला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से होती थी, लेकिन अब पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह नियम सख्ती से लागू किया गया है। हालांकि, बीते कुछ दिनों में डिपो में जगह की कमी और तकनीकी दिक्कतों के चलते कुछ समस्याएं सामने आई थीं।

मुख्यमंत्री का त्वरित हस्तक्षेप, मिली 7 दिन की राहत

इन समस्याओं की जानकारी जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को दी गई, तो उन्होंने बिना देरी किए हस्तक्षेप किया और आदेश दिया कि सभी निजी विद्यालय डिपो से अपनी आवश्यकतानुसार किताबें प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य होगा कि वे आगामी 7 दिनों के भीतर बारकोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी करें।

शिक्षा के प्रति मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पाण्डेय ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह फैसला राज्य के हर छात्र तक समय पर किताबें पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह कदम शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता और संवेदनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल सुनिश्चित करेगी कि कोई भी बच्चा किताबों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई से वंचित न रह जाए। यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा ह

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