रायपुर, 12 अक्टूबर 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर केंद्रित रही। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जनहित में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य और केंद्र शासन की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों तक पहुँचे — यही प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर्स उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा नहीं, बल्कि जनहित में परिणाम देने का अवसर है।
15 नवंबर से होगी धान खरीदी — अनियमितता पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रभारी सचिवों को जिलों में नियमित मॉनिटरिंग और संवेदनशील केंद्रों की पैनी निगरानी करने के निर्देश दिए।
धान खरीदी की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष चौकसी रखने और बाहर से धान की अवैध आवाजाही रोकने के निर्देश दिए।
उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष शिविरों के माध्यम से 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और पीएम सूर्यघर योजना पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ किसी भी पात्र किसान से न छूटे। जिलों में निर्धारित समय सीमा में सभी किसानों को योजना का लाभ दिलाया जाए।
बस्तर और सरगुजा संभाग में विशेष निगरानी रखने के निर्देश कमिश्नरों को दिए गए।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। ग्रामीण इलाकों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसान बनाई जाए ताकि कोई भी पात्र परिवार वंचित न रहे।
स्वस्थ छत्तीसगढ़ का लक्ष्य — अस्पतालों में शत-प्रतिशत प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने सभी अस्पतालों में शत-प्रतिशत प्रसव सुनिश्चित करने और टीकाकरण सत्रों की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा निगरानी के निर्देश दिए।
प्रत्येक मैटरनल डेथ ऑडिट को अनिवार्य रूप से करने और भविष्य के लिए ठोस रणनीति तैयार करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने एनआरसी सेंटरों को प्रभावी ढंग से संचालित करने और माताओं व बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उन्होंने वेलनेस सेंटरों के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (NCDs) के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बस्तर संभाग में मलेरिया के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करने की बात कही।
साथ ही प्रधानमंत्री वय वंदना योजना अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश — ड्रॉपआउट शून्य और नामांकन 100 प्रतिशत करें
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्कूलों में ड्रॉपआउट कम करना और Gross Enrolment Ratio को 100 प्रतिशत तक ले जाना शीर्ष प्राथमिकता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से बालवाड़ियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, बच्चों के हाथ में दिखनी चाहिए।
बीजापुर जिले के स्थानीय भाषा में शिक्षण के नवाचार की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “गोंडी भाषा में शिक्षा देने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट घटा है।”
उन्होंने सभी जिलों को स्थानीय भाषा आधारित नवाचार अपनाने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID बनाई जाए, जो डिजिलॉकर से कनेक्ट रहेगी।
इसी आधार पर छात्रों को गणवेश, किताबें और छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
राज्य में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत सभी शालाओं में सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग प्रणाली लागू होगी।
मुख्यमंत्री ने रायगढ़ और GPM जिलों के प्रयासों की प्रशंसा की, जहाँ कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज और नियमित टेस्ट से बेहतर परिणाम आए हैं।
जनजातीय विकास पर फोकस —धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष और पीएम जनमन योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में सभी 17 विभाग आपसी समन्वय से काम करें और लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करें।
हॉस्टल, पेयजल, आजीविका, बिजली, पशुपालन, डेयरी, मछलीपालन और पर्यटन के समग्र विकास पर बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने PM जनमन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य की पाँच विशेष पिछड़ी जनजातियों के ग्राम विकास कार्य समयसीमा में पूरे हों।
मनेंद्रगढ़ और धमतरी को उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए सराहा गया।
राज्य में 2300 से अधिक बसाहटों में विकास कार्य चल रहे हैं और दो लाख से अधिक जनसंख्या को इसका लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने सभी कार्य 31 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
शहरी विकास योजनाओं पर भी फोकस
मुख्यमंत्री ने मिशन अमृत 2.0 के लंबित अनुमोदनों के 54 प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए ताकि एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के शेष सभी मकानों को 31 दिसंबर तक पूर्ण करने और तैयार मकानों का दो माह में हितग्राहियों को आधिपत्य सौंपने के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंत में कहा —
“यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा नहीं, बल्कि सुशासन के नए मानक तय करने का अवसर है। जनहित सर्वोपरि है, और योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता तक पहुँचना ही हमारी सबसे बड़ी सफलता होगी।”

