रायपुर, 18 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस गंभीर हालत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकारी अस्पतालों में जांच, इलाज और दवाओं की भारी कमी के कारण मरीज बिना उपचार के ही लौटाए जा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा के अनुसार सरकार की बदइंतजामी, लापरवाही और कमीशनखोरी ने स्वास्थ्य तंत्र को लगभग ठप कर दिया है।
वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश नकली और अमानक दवाओं का केंद्र बनता जा रहा है। स्कूली बच्चों तक को घटिया दवाएं बांट दी गईं, बीजापुर के “अखफोड़वा कांड” ने कई गरीबों की आंखों की रोशनी छीन ली, लेकिन सरकार अब तक चुप है। किसी एक भी दोषी कंपनी या सप्लायर पर एफआईआर तक नहीं की गई, जिससे स्पष्ट है कि सरकार कार्रवाई से बच रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं की हालत का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल—डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में पिछले दो महीनों से ओपन हार्ट सर्जरी और एंजियोप्लास्टी जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं बंद हैं। अब एंजियोग्राफी भी रोक दी गई है, क्योंकि अस्पताल में कैथेटर, वायर और बलून जैसे जरूरी उपकरण तक उपलब्ध नहीं हैं। भुगतान न होने के कारण सप्लायर कंपनियों ने सामग्री भेजना बंद कर दिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह सरकार चाहती ही नहीं कि सरकारी स्वास्थ्य तंत्र सुधरे। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जहां स्वास्थ्य संरचना को ढाई गुना मजबूत किया, वहीं भाजपा सरकार के आने के बाद दो वर्षों में पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। कांग्रेस शासन में 8 नए मेडिकल कॉलेज खुले, जिला अस्पताल मल्टी स्पेशियलिटी में बदले गए, डायलिसिस, एमआरआई, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी और एक्सरे जैसी सुविधाएं व्यापक रूप से उपलब्ध कराई गईं। हाट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लिनिक और हमर अस्पताल जैसी योजनाओं के माध्यम से सेवा को आम लोगों तक पहुंचाया गया।
लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि डीकेएस अस्पताल में 54 में से 45 डायलिसिस मशीनें बंद हैं, 35 में से 18 वेंटिलेटर खराब पड़े हैं, ऑक्सीजन प्लांट तक बंद है। रिएजेंट की कमी के कारण कई महत्वपूर्ण जांचें रुक गई हैं और रखरखाव के अभाव में अधिकांश उपकरण जर्जर हो चुके हैं। मरीजों को जांच और इलाज के बिना ही वापस भेजा जा रहा है।
वर्मा ने कहा कि जब पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, तब स्वास्थ्य मंत्री अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के बजाय बयानबाजी और प्रचार में व्यस्त हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाए, दोषी कंपनियों पर कठोर कार्रवाई करे और अस्पतालों में आवश्यक दवाओं व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे, ताकि मरीजों को राहत मिल सके।

