देशभर में लोक आस्था के महापर्व छठ का उत्सव आज श्रद्धा और भक्ति के माहौल में मनाया गया। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए नदियों, तालाबों और पोखरों के तटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
गंगा, यमुना, कोसी, सोन, गंडक, सरयू सहित देश के विभिन्न राज्यों—बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और नेपाल के तराई क्षेत्र—में छठ घाटों पर हजारों की संख्या में व्रतधारी महिलाएं और श्रद्धालु पहुंचे।
संध्या बेला में जब सूर्य अस्ताचल की ओर अग्रसर हुआ, तो घाटों पर जलते दीपों की जगमगाहट और छठ मइया के गीतों की मधुर ध्वनि से वातावरण भक्ति और आस्था से भर उठा। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजधजकर पूजा-अर्चना की, जबकि पुरुषों और बच्चों ने श्रद्धा भाव से सहयोग किया।
व्रतधारियों ने परिवार की सुख-समृद्धि, समाज के कल्याण और राष्ट्र की प्रगति की मंगलकामना के साथ अर्घ्य अर्पित किया।
पूरे देश में छठ पर्व ने एकता, समर्पण और भारतीय संस्कृति की आस्था का अद्भुत संदेश दिया — दीपों से सजे घाट, गूंजते गीत और श्रद्धा से झुके सिरों ने भारत को आज फिर भक्ति के रंग में रंग दिया।

