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नई दिल्ली, 1 नवंबर 2025:
आज देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ देवउठनी एकादशी (जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है) का पर्व मनाया जा रहा है। यह तिथि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और ब्रह्मांड का संचालन पुनः संभालते हैं। इसी के साथ शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।

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एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष एकादशी तिथि 1 नवंबर सुबह 9:11 बजे से 2 नवंबर सुबह 7:31 बजे तक रहेगी।
पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजे का रहेगा, जब भगवान विष्णु के जागने का विधान है।
इसके अलावा –

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:42 से दोपहर 12:27 बजे तक
  • गोधूली मुहूर्त: शाम 5:36 से 6:02 बजे तक
  • प्रदोष काल: शाम 5:36 बजे से प्रारंभ

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व्रत पारण का समय

देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 2 नवंबर को दोपहर 1:11 से 3:23 बजे तक किया जा सकता है।

पूजन विधि

  1. पूजा स्थल के पास गेरू से भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं।
  2. आकृति के पास फल, सिंघाड़ा, पीली मिठाई, गन्ना और फूल रखें।
  3. आकृति को छन्नी या डलिया से ढक दें।
  4. शाम को घी का दीपक जलाकर विष्णु-लक्ष्मी जी की पूजा करें।
  5. फिर शंख बजाते हुए “उठो देवा, बैठो देवा” भजन से भगवान को जगाएं।
  6. इसके बाद पंचामृत, गुड़-चना, केले, पंजीरी और पीली मिठाई का भोग लगाएं।
  7. यदि तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हों, तो तुलसी माता की भी पूजा करें।
  8. अंत में प्रसाद वितरण और वस्त्र, अन्न, धन या पीली वस्तुओं का दान करें।

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देवउठनी एकादशी के शुभ उपाय

  • सुहाग सामग्री का दान करें — वैवाहिक जीवन में सुख आता है।
  • तुलसी पर कच्चा दूध चढ़ाकर घी का दीप जलाएं — लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है।
  • जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र दान करें — भाग्य खुलता है।
  • मुख्य द्वार पर दीप जलाकर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें — घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

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महत्व

पौराणिक मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने से सृष्टि में नई ऊर्जा का संचार होता है। इसी दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।

अस्वीकरण:
यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी पूजा या व्रत से पहले अपने पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

 

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