रायगढ़।Chhattisgarh के कई जिलों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। जंगलों से निकलकर खेतों में पहुंच रहे हाथियों के झुंड ने अब तक सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। ताजा मामला रायगढ़ जिले का है, जहां 65 से ज्यादा हाथी अलग-अलग इलाकों में सक्रिय हैं और अब तक 53 से अधिक किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं।
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सबसे ज्यादा नुकसान कापू रेंज में
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत कापू रेंज के ठाकुरपोड़ी, नारायणपुर और कमरई गांवों में 43 किसानों की फसलें हाथियों के पैरों तले रौंदी गईं। बाकारूमा रेंज के रैरूमा और चिडोडीह गांवों में 7 किसानों की फसल तबाह हुई है, जबकि छाल रेंज के तेंदुमुड़ी गांव में 1 किसान को नुकसान हुआ है।
इसके अलावा रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा रेंज के छर्राटांगर गांव में हाथियों ने 2 किसानों की धान की फसल और मकान को भी नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग की टीमें गुरुवार सुबह से ही प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर नुकसान का आंकलन करने में जुटी हुई हैं। वनकर्मियों के अनुसार, हाथियों का दल दिन में जंगलों में आराम करता है और रात के अंधेरे में भोजन की तलाश में खेतों की ओर बढ़ता है।
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हाथियों का मूवमेंट कोरबा की ओर, पर खतरा अभी टला नहीं
मिली जानकारी के अनुसार, खेतों में तबाही मचाने के बाद हाथियों का दल अब कोरबा वनमंडल की ओर बढ़ गया है, लेकिन रायगढ़ जिले में अब भी 65 हाथी जंगलों में सक्रिय हैं। इससे गांवों में दहशत का माहौल है।
कोरबा जिले में भी हाथियों का दल बीते सप्ताह कटघोरा रेंज में देखा गया था, जहां उन्होंने तीन किसानों की फसलों के साथ एक कच्चा मकान ध्वस्त कर दिया। वन विभाग ने गांवों में अलर्ट जारी किया है। सूरजपुर जिले के ओड़गी और प्रेमनगर क्षेत्रों में बीते दिनों हाथियों के दल ने खेतों में घुसकर धान और मक्का की खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया।
वन विभाग ने मुनादी कर ग्रामीणों को रात में खेतों से दूर रहने की सलाह दी है। बलरामपुर जिले में रामचंद्रपुर के आसपास हाल ही में एक झुंड ने खेतों के साथ-साथ एक ग्रामीण के मवेशी को भी घायल कर दिया। क्षेत्र में हाथियों की चहलकदमी से स्कूलों तक को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
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ग्रामीणों में डर का माहौल, मुआवजे की मांग
लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश और भय व्याप्त है। किसानों का कहना है कि हर साल उनकी फसलें उजड़ जाती हैं, लेकिन मुआवजा समय पर नहीं मिलता। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों को नियंत्रित करने, अलर्ट सिस्टम लगाने और त्वरित मुआवजा देने की मांग की है।
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वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों के मूवमेंट के दौरान खेतों की ओर ना जाएं और किसी भी स्थिति में विभाग को तुरंत सूचना दें। साथ ही विभाग ने कहा है कि फसल नुकसान का आंकलन कर शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा। विभाग ने हाथियों को सुरक्षित तरीके से जंगलों की ओर वापस भेजने के लिए फॉरेस्ट गार्ड्स की गश्त, ड्रम बीटिंग और टॉर्चिंग जैसी तकनीकों को अपनाया है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

