जशपुर

“हर दिन एक नया होता है और एक दिन ऐसा आएगा जब नेट और सेट के परिणाम में महाविद्यालय के अधिकतम विद्यार्थी सफल होंगे”- डॉ विजय रक्षित,

“हर दिन एक नया होता है और एक दिन ऐसा आएगा जब नेट और सेट के परिणाम में महाविद्यालय के अधिकतम विद्यार्थी सफल होंगे”— उक्त कथन हैं डॉ विजय रक्षित, प्राचार्य,शा. राम भजन राय एन. ई. एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर, के जो आई क्यू ए सी के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

विदित हो कि यूजीसी नेट -2024 का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है तथा सीजी सेट 2024 का नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है, ऐसी स्थिति में स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित यह सेमिनार उनके लिए मार्गदर्शन एवं दिशा -निर्देशन हेतु मील का पत्थर साबित होगा। आज के सेमिनार की समाप्ति तक विद्यार्थियों की बहुत- सी शंकाओं का समाधान हो चुका होगा और वे परीक्षा की तैयारी को गंभीरता से लेंगे। उच्चशिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाना युवाओं की पहली पसंद है और इसके लिए चाहे वह प्रोफेसर के रूप में कार्य करना चाहते हैं या रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, नेट क्वालीफाई करना काफी फायदेमंद है। विद्यार्थियों की इसी मनोदशा और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शासकीय राम भजन राय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर में एक-दिवसीय सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में किया गया, जिसमें वाणिज्य, कला एवं विज्ञान संकाय के स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थियों ने भाग लिया। सेमिनार की शुरुआत हमेशा की तरह विद्यादायिनी मां सरस्वती के वृत्त चित्र पर प्राचार्य डॉ विजय रक्षित, डॉ ए.के. श्रीवास्तव( वरिष्ठ प्राध्यापक राजनीति विज्ञान एवं प्रोफेसर ए. आर. बैरागी वाणिज्य संकाय के द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। अतिथियों तथा स्रोतविदों के स्वागत उपरांत ‘आइक्यूएसी’ के सह संयोजक एवं
सेमिनार के आयोजन सचिव विश्वनाथ प्रताप सिंह ने रेसॉर्स पर्सन का स्वागत करते हुए सेमिनार का उद्देश्य बताया तथा छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यूजीसी नेट परीक्षा भारत में उन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है जो शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों को परीक्षा की महत्वता और उसकी तैयारी के लिए आवश्यकता को समझाया।


साथ ही छात्रों को यूजीसी नेट परीक्षा के पैटर्न, सिलेबस, और महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को परीक्षा की तैयारी में संघर्ष करने की बजाय सहजता की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी।
अपने उद्बोधन में डॉ रक्षित ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए इस सेमिनार को सार्थक बनाने की अपील की। तत्पश्चात् डॉ ए.के. श्रीवास्तव वरिष्ठ प्राध्यापक राजनीति विज्ञान जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी रखते हैं तथा जो निरंतर नवाचार हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहे हैं, ने विद्यार्थियों को यूजीसी नेट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में परीक्षा की बुनियादी जानकारी के साथ समय प्रबंधन, पाठ्यक्रम के महत्त्व, पूर्व प्रश्न- पत्रों के अवलोकन, व्यक्तिगत ईमानदारी और हार न मानने की प्रवृत्ति पर जोर देते हुए ऊंची सोच और सही संगति को महत्त्व देते हुए विद्यार्थियों को मार्गदर्शित किया‌ उन्होंने कहा कि इच्छा से नहीं अपितु संकल्प से सफलता मिलती है। इसलिए विद्यार्थियों को दृढ़ संकल्पित होकर परीक्षा की तैयारी में जुट जाना है। अगले स्रोतविद् डॉ हरिकेश कुमार, सहायक प्राध्यापक रसायन शास्त्र जो कि जेआरएफ / नेट क्वालीफाई हैं, ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद जो कि विज्ञान संकाय हेतु राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित करता है, की जानकारी देते हुए उसके विभिन्न आयामों पर पीपीटी. के माध्यम से विस्तृत चर्चा की तथा विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी किया। उन्होंने नोट्स और ‘कट -ऑफ परसेंटेज’ के बारे में बताते हुए महत्त्वपूर्ण पुस्तकों की जानकारी विद्यार्थियों को दी जिससे वे अच्छी तैयारी कर सकें। सुश्री रिज़वाना ख़ातून सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी जो कि नेट /सेट क्वालीफाई है ने परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए नोट्स बनाने पर जोर देते हुए नोट्स क्यों आवश्यक है? तथा कैसे नोट्स बनाएं इस पर सारगर्भित जानकारी दी तथा उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा के संबंध में प्रथम प्रश्न पत्र की तैयारी पर विशेष जोर देते हुए विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र हल करने के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिया ।पी.सी. सतपति वाणिज्य संकाय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘विचार और कर्म में समन्वय ही सफलता का मूल मंत्र है’अतः मन से नहीं चलें अपितु मन को स्वयं नियंत्रित करते हुए चलाने का प्रयास करें। उन्होंने नियोजित तरीके से परीक्षा की तैयारी पर जोर दिया। कार्यक्रम के संचालनकर्ता प्रोफेसर गौतम सूर्यवंशी इतिहास विभाग ने उन मुद्दों पर प्रकाश डाला जो पूर्व- वक्ताओं के उद्बोधन में छूट गए थे, विशेष कर रिसर्च फेलोशिप के बारे में विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी दी तथा परीक्षा पास करने में नोट्स, अभ्यास, तथा ग्रुप डिस्कशन की भूमिका पर विशेष जोर दिया। यह बात ध्यान रखने योग्य है कि महाविद्यालय में लगभग 11 प्राध्यापक नेट /सेट पात्रता परीक्षा पास है जो कि महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और निश्चित ही इनका मार्गदर्शन विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ रक्षित ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति और स्रोतविदों को साधुवाद दिया तथा सक्रिय भागीदारी हेतु दो छात्राओं कुमारी सिमरन सिंह और कुमारी कुंती चौहान को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया‌। कार्यक्रम के अंत में आगामी लोकसभा सभा चुनाव हेतु शत- प्रतिशत मतदान करने और मतदान हेतु प्रेरित करने के लिए सुश्री अंजू सिंह रासेयो द्वारा सभी मतदाताओं को शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य सुश्री कीर्ति किरण केरकेट्टा विभागाध्यक्ष, हिंदी, श्री वरूण श्रीवास, सहायक प्राध्यापक, हिंदी, एवं श्री गौतम सूर्यवंशी, सहायक प्राध्यापक, इतिहास के साथ साथ महाविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभाग के प्राध्यापक, अथिति विद्वान, स्पोर्ट ऑफिसर मनोरंजन कुमार, रजिस्ट्रार बी. आर. भारद्वाज एवं समस्त स्नातकोत्तर विभाग के लगभग दो सौ विद्यार्थी उपस्थित थे।

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