अयोध्या में आज से ध्वजारोहण महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है और रामनगरी एक बार फिर भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक गौरव के अद्भुत संगम की साक्षी बनने को तैयार है। गुरुवार सुबह कलश यात्रा के साथ इस महोत्सव का शुभारंभ होगा और 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वज फहराकर इस ऐतिहासिक उत्सव को चरम पर पहुंचाएंगे।
मार्गशीर्ष अमावस्या के पावन अवसर पर निकलने वाली कलश यात्रा से पूरे शहर में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ेगा। यह यात्रा महोत्सव की शुरुआत का मंगलसूचक संकेत होगी, जिसका समापन विवाह पंचमी के शुभ मुहूर्त में 25 नवंबर को होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या पूरे वैभव में सजी हुई है। शहर की सड़कें, चौहराहे, घाट और मंदिर आकर्षक रोशनी, रंगोलियों और फूलों से ऐसे सजाए गए हैं कि पूरा नगर मानो दिव्य ज्योति से आलोकित हो उठा है। सुबह-शाम गूंजती रामधुन और मंत्रोच्चार वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर रहे हैं।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को कहा कि यह उत्सव भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बनने जा रहा है। देशभर के प्रमुख संतों, विद्वानों, समाजसेवियों, राजनीतिक नेताओं और लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। 23 से 25 नवंबर तक अयोध्या में विशेष कार्यक्रमों की लड़ी चलेगी, जिनमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, लोक नृत्य, संगीतमय कार्यक्रम और छह छोटे मंदिरों व सप्त मंदिरों की विशेष पूजा शामिल होगी। कलश यात्रा में 551 से अधिक महिलाएं भाग लेंगी, जबकि 151 वैदिक छात्र ध्वज लेकर आगे-आगे चलकर आयोजन की गरिमा बढ़ाएंगे।
उधर, जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने बताया कि सुरक्षा इंतजाम व्यापक और बहुस्तरीय हैं। शहर भर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ड्रोन से निगरानी की जा रही है, ट्रैफिक कंट्रोल की विशेष व्यवस्था की गई है और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमों की तैनाती सुनिश्चित की गई है, ताकि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से इस ऐतिहासिक उत्सव में शामिल हो सकें।
अयोध्या का वातावरण इन दिनों उत्साह, आस्था और दीपित आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा है। रामनगरी एक बार फिर एक ऐसे अनोखे अवसर की प्रतीक्षा में है, जब रामध्वज की ऊंचाई के साथ भारतीय संस्कृति का गौरव भी नई ऊंचाइयों को छूने वाला है।

