रांची, 10 जून 2025/ — झारखंड में आज से बालू खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश पर लागू हुआ है, जिसके तहत पूरे राज्य में अगले छह महीनों तक बालू खनन, परिवहन और भंडारण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
यह आदेश झारखंड सरकार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन और खनन विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस रोक का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
**क्यों लगी रोक?**
NGT ने यह रोक राज्य में हो रहे अनियमित, अवैध और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले बालू खनन के मद्देनजर लगाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बालू घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति और वैज्ञानिक मूल्यांकन की प्रक्रिया अधूरी थी।
अधिकांश घाटों पर खनन कार्य बिना जरूरी अनुमति और नियमों के किया जा रहा था, जिससे नदियों के बहाव, पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय आबादी को गंभीर नुकसान हो रहा था।
निर्माण कार्यों पर असर: बालू की आपूर्ति बाधित होने से निर्माण क्षेत्र प्रभावित होगा,कीमतों में इजाफा, काला बाजारी और अवैध खनन की आशंका बढ़ सकती है खनन, परिवहन और संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की आजीविका पर असर पड़ेगा कानून व्यवस्था की चुनौती: होगी,अवैध खनन पर नियंत्रण एक बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारी बन गई है
** NGT का स्पष्ट निर्देश**
NGT ने कहा है कि जब तक राज्य सरकार वैज्ञानिक पद्धति से घाटों की पहचान कर स्वीकृति नहीं लेती और पर्यावरणीय मूल्यांकन पूरी तरह नहीं कर लेती, तब तक एक इंच बालू का खनन भी गैरकानूनी माना जाएगा।
सरकार और प्रशासन की ओर से निगरानी टीमों का गठन किया जा रहा है। पुलिस, खनिज विभाग और प्रशासनिक अमला संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अवैध गतिविधि संचालित न हो।
झारखंड में बालू खनन पर यह रोक अगले छह महीने के लिए लागू है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।