रायपुर।
राज्य सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनियों में छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ-महासंघ द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में की जा रही हड़ताल के खिलाफ कंपनी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे कर्मियों की अनुपस्थिति को ‘ब्रेक इन सर्विस’ माना जाएगा। इसके साथ ही वेतन कटौती और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) ट्रांसमिशन ए. एम. परियल द्वारा जारी परिपत्र में तीनों पावर कंपनियों के विभाग प्रमुखों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कार्य किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होना चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि सामूहिक अवकाश या हड़ताल में भाग लेना अनधिकृत अनुपस्थिति की श्रेणी में आएगा, जिसके दिनों का वेतन देय नहीं होगा। ऐसे कृत्य को कदाचरण (Misconduct) माना जाएगा और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही हड़ताल में शामिल होना या दूसरों को उकसाना ‘दीर्घ दुराचरण’ (Gross Misconduct) की श्रेणी में माना जाएगा, जिस पर कड़ी सजा दी जा सकती है।
मुख्य अभियंता ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की सूची तैयार कर मानव संसाधन विभाग को तत्काल भेजें और यह सुनिश्चित करें कि सेवाओं का संचालन उपलब्ध संसाधनों से सुचारू रूप से चलता रहे।

