रायपुर। छत्तीसगढ़ में ट्रैफिक चालान से संबंधित मामलों की सुनवाई अब और आसान और आधुनिक हो गई है। राज्य के सभी संभागों में वर्चुअल कोर्ट स्थापित किए जाएंगे, जिससे वाहन चालकों को अब कोर्ट के फेरे नहीं लगाने पड़ेंगे। इस नई व्यवस्था से लोगों को समय की बचत होगी और न्यायिक प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और तेज़ हो सकेगी।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। आदेश के अनुसार, वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई संबंधित जिलों के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के अधीन होगी।
राज्य के विभिन्न संभागों में इन कोर्ट्स का संचालन तय स्थानों से किया जाएगा। बस्तर संभाग के लिए जगदलपुर को वर्चुअल कोर्ट संचालन केंद्र बनाया गया है, जहाँ सुकमा, दंतेवाड़ा सहित अन्य जिलों के चालान मामलों की सुनवाई की जाएगी। इसी प्रकार रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और अंबिकापुर संभागों में भी वर्चुअल कोर्ट स्थापित होंगे, जो अपने-अपने क्षेत्रों के मामलों की सुनवाई करेंगे।
इस व्यवस्था के लागू होने से वाहन चालकों को चालान संबंधित जानकारी पोर्टल और एप के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। वे घर बैठे ही वर्चुअल कोर्ट में पेश होकर अपने चालान का निपटारा कर सकेंगे और भुगतान भी डिजिटल माध्यम से कर पाएंगे।
यह पहल न्याय व्यवस्था को तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल आम लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि कोर्ट का बोझ भी कम होगा।
छत्तीसगढ़ अब डिजिटल न्याय व्यवस्था की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है, जहाँ तकनीक के माध्यम से आम नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय सुनिश्चित किया जा रहा है।