जशपुर, 13 नवंबर 2025 —
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन, पशुपालन, रेशम पालन और कृषि क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है। इसी दिशा में जशपुर जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। जिले में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के माध्यम से पुंगनुर नस्ल की मादा वत्स (बछिया) का जन्म हुआ है, जो पशुधन संवर्धन और नस्ल सुधार के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा।
यह सफलता पशु चिकित्सालय पत्थलगांव में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री के.के. पटेल के अथक प्रयासों से संभव हुई। उन्होंने ग्राम करमीटिकरा (करूमहुआ) के किसान श्री खगेश्वर यादव की देशी गाय को पुंगनुर नस्ल के सांड़ के हिमकृत वीर्य से 29 जनवरी 2025 को गर्भित किया था। लगभग 284 दिनों के गर्भकाल के बाद, गाय ने 11 नवंबर 2025 को एक स्वस्थ मादा वत्स को जन्म दिया। यह क्षण पूरे जिले के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय बन गया।
पुंगनुर गाय मूलतः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनुर क्षेत्र की देशी नस्ल है, जो विश्व की सबसे छोटी गाय के रूप में प्रसिद्ध है। इसकी औसत ऊँचाई 70–90 सेंटीमीटर और वजन 110–200 किलोग्राम होता है। यह गाय कम चारा, न्यून देखभाल और कठिन जलवायु परिस्थितियों में भी सहज रूप से जीवित रह सकती है।
हालांकि पुंगनुर गाय का दूध उत्पादन प्रतिदिन केवल 1–2 लीटर होता है, लेकिन इसमें पाया जाने वाला A2 प्रोटीन इसे अत्यंत पौष्टिक और औषधीय बनाता है। यह प्रोटीन मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस नस्ल की गायों का स्वभाव मृदु और स्नेहपूर्ण होता है, जिससे इन्हें पालतू साथी पशु के रूप में भी पाला जा सकता है।
इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर डॉ. बी.पी. भगत ने सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री के.के. पटेल और किसान श्री खगेश्वर यादव को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल पत्थलगांव बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए गौरव का प्रतीक है। इससे पशु नस्ल सुधार और वैज्ञानिक तकनीकों के ग्रामीण विस्तार को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि वैज्ञानिक विधियों को स्थानीय किसानों के अनुभव और सरकारी योजनाओं के सहयोग से जोड़ा जाए, तो ग्रामीण क्षेत्र में भी उच्च गुणवत्ता वाले पशुधन का विकास संभव है।
जशपुर की यह मादा पुंगनुर वत्स अब जिले के लिए पशुधन विकास और स्वावलंबन की नई प्रेरणा बन चुकी है।

