रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता के हित में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पूरे राज्य में गाइडलाइन दरों का व्यापक, वैज्ञानिक और तर्कसंगत पुनरीक्षण कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय प्रदेश के किसानों, भूमिस्वामियों और आम नागरिकों को सीधे लाभ देने वाला साबित होगा। सात वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार गाइडलाइन दरों में इतने बड़े पैमाने पर संशोधन किया गया है।
वर्ष 2017–18 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। इसका परिणाम यह हुआ कि वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में भारी असमानता पैदा हो गई थी। इसका नुकसान सबसे ज्यादा किसानों, भूमिस्वामियों और संपत्ति धारकों को उठाना पड़ रहा था। नगरीय क्षेत्रों में एक ही सड़क और वार्ड में दरों का अतार्किक अंतर दिखाई देता था, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में एक समान मार्ग पर बसे गाँवों की दरों में भी गंभीर विसंगतियाँ थीं। नए हाईवे, नई कॉलोनियाँ, औद्योगिक क्षेत्रों और नई बसाहटों की दरें तो अब तक निर्धारित ही नहीं थीं, जिससे नागरिकों को अपनी जमीन और संपत्ति के वास्तविक मूल्य का आकलन करने में भारी परेशानी हो रही थी।
इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में गाइडलाइन दरों का पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर पुनर्गठन किया गया। नगरीय क्षेत्रों में रोड-वाइज दरें तैयार की गईं, जिससे समान परिस्थितियों वाले इलाकों में मूल्य एक जैसा रहेगा। अत्यधिक कंडिकाओं को समायोजित कर जटिलता कम की गई, ताकि नागरिकों के लिए दरें समझना आसान हो सके। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गाँवों की दरों को नक्शे पर चिह्नित कर समान परिस्थितियों वाले गाँवों की दरें एकसमान की गईं। वैज्ञानिक मैपिंग के जरिए रैशनलाइज़्ड बेस रेट तैयार किए गए, जिन्हें नई दरों का आधार बनाया गया।
नई गाइडलाइन दरें किसानों और आम नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगी। नगरीय क्षेत्रों में लगभग 20% की तार्किक वृद्धि की गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के हित में दरों में 50% से 300% तक की वृद्धि की गई है। इससे भूमि अधिग्रहण में किसानों को तीन गुना तक अधिक मुआवज़ा मिल सकेगा। इसके अलावा संपत्ति के विरुद्ध बैंक से अधिक ऋण भी प्राप्त किया जा सकेगा, क्योंकि गाइडलाइन दरें अब वास्तविक मूल्य के अधिक करीब होंगी।
मंत्री ओ. पी. चौधरी ने स्पष्ट किया कि यह पुनरीक्षण पूरी तरह पारदर्शी, वैज्ञानिक और जनहितकारी है। पिछले कई वर्षों से जारी मूल्य-विसंगतियों को समाप्त करने के लिए यह आवश्यक कदम था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस निर्णय को जनता के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि नई दरें हर नागरिक के संपत्ति मूल्यांकन को न्यायसंगत बनाएंगी और किसी को भी अपने वास्तविक मूल्य से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
लंबे समय बाद हुआ यह व्यापक संशोधन केवल वर्तमान समस्याओं को हल नहीं करेगा, बल्कि भविष्य के लिए भी रास्ता तैयार करेगा। विभाग समय-समय पर विकास, नई कॉलोनियों, क्षेत्रीय परिस्थितियों और बाजार की प्रवृत्तियों के आधार पर दरों की समीक्षा करता रहेगा, ताकि किसी भी तरह की मूल्य असमानता दोबारा न उत्पन्न हो।
सरकार के इस निर्णय ने किसानों, भूमिस्वामियों और आम नागरिकों के लिए भरोसे का एक नया आधार दिया है और प्रदेश में संपत्ति मूल्यांकन को अधिक पारदर्शी, संतुलित और जनहितकारी बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

