रायपुर, 9 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस बड़े कदम के तहत पूरे प्रदेश में 10,538 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 16,165 शिक्षक एवं प्राचार्य समायोजित हो गए हैं। अब राज्य का कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं है।
पहले प्रदेश में 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, लेकिन युक्तियुक्तकरण के बाद इनकी संख्या घटकर मात्र 1,207 प्राथमिक शालाएँ रह गई हैं। इससे शिक्षण व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन विषयवार किया गया। यदि किसी संस्था में किसी विषय का शिक्षक अतिशेष पाया गया और उसी संस्था में किसी अन्य विषय का पद रिक्त था, तो अतिशेष शिक्षक का समायोजन रिक्त पद पर कर दिया गया। इस प्रक्रिया में पदस्थापना तिथि, विषय, विकलांगता और परिवीक्षा अवधि जैसे पहलुओं का भी विशेष ध्यान रखा गया।
शिक्षकों की गणना उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज मूल विषय के आधार पर की गई। वहीं, जो शिक्षक युक्तियुक्तकरण के बाद कार्यमुक्त होकर नए विद्यालयों में पदस्थ हुए हैं, उनके वेतन आहरण की कार्रवाई पूर्व संस्था से प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाणपत्र के आधार पर की जा रही है।
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से संबंधित शिक्षकों के अभ्यावेदन और न्यायालयीन प्रकरणों का परीक्षण गंभीरता से किया जा रहा है। इसके लिए संभागीय आयुक्त स्तरीय समिति, संचालनालय स्तरीय समिति और शासन स्तरीय समिति गठित की गई है। शासन का कहना है कि इन सभी मामलों का शीघ्र ही निराकरण कर दिया जाएगा।