छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब एक नई और महत्वाकांक्षी पहल शुरू करने जा रही है। जल्द ही कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग के साथ-साथ स्मार्ट क्लास रूम की आधुनिक सुविधा भी मिलने जा रही है। इस योजना का मकसद है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी आईआईटी, नीट, जेईई, पीएससी, रेलवे, बैंकिंग व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को निर्देश जारी कर आवश्यक जानकारी मांगी गई है, ताकि योजना को धरातल पर उतारा जा सके।
स्कूलों की मौजूदा स्थिति का लिया जा रहा ब्योरा
जारी पत्र में प्रत्येक जिले से यह जानकारी मांगी गई है कि:
- कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों की कुल संख्या कितनी है
- 11वीं व 12वीं के छात्रों की संकायवार संख्या (विज्ञान, वाणिज्य, कला)
- कितने स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम उपलब्ध हैं
- किन स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी मौजूद है
- जिले में वर्तमान में कहीं निःशुल्क कोचिंग संचालित हो रही है या नहीं, और यदि हो रही है तो उसका संचालन किस संस्था या विभाग द्वारा किया जा रहा है
- पिछले वर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल छात्रों की संख्या क्या रही
इन सभी जानकारियों के आधार पर प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग कोचिंग मॉड्यूल, शैक्षणिक संसाधनों की आपूर्ति और तकनीकी संसाधनों के वितरण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
सरकारी स्कूलों में अब तकनीक से होगी पढ़ाई
स्मार्ट क्लास रूम की सुविधा से छात्रों को डिजिटल माध्यम से विषयवस्तु पढ़ाई जाएगी, जिसमें प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, स्मार्ट बोर्ड और इंटरनेट के ज़रिए ऑनलाइन कंटेंट की मदद ली जाएगी। इससे शिक्षा अधिक इंटरएक्टिव, दिलचस्प और गुणवत्तापूर्ण बनने की उम्मीद है।
बदलती तस्वीर की ओर बढ़ते सरकारी स्कूल
राज्य सरकार का यह कदम उन लाखों विद्यार्थियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है, जो आर्थिक कारणों से निजी कोचिंग नहीं ले पाते हैं। खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा, जहां अब तक ऐसे संसाधन सीमित थे।इस योजना से न सिर्फ शैक्षणिक परिणामों में सुधार होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के नए केंद्र के रूप में स्थापित हो सकेंगे।

