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भारत ने नई दिल्ली में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सामने अपने मुक्केबाजी कौशल का दमदार प्रदर्शन किया। भारतीय बॉक्सर्स ने इस बड़े टूर्नामेंट में सभी 20 भार वर्गों में पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया। खास बात यह रही कि महिला मुक्केबाजों ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया और 7 गोल्ड मेडल अपने नाम किए।
निकहत जरीन ने फिर दिखाया दम, जीता गोल्ड
महिला 51 किलोग्राम भार वर्ग में निकहत जरीन ने फाइनल में चीनी ताइपे की खिलाड़ी झुआन यी गुओ को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह जीत उनके लिए इसलिए खास रही क्योंकि 2023 विश्व चैंपियनशिप के बाद यह उनका पहला गोल्ड मेडल है। निकहत पूरे मुकाबले में बेहतरीन लय में रहीं और विरोधी खिलाड़ी को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। उनकी यह उपलब्धि भारतीय मुक्केबाजी के लिए बड़ी प्रेरणा मानी जा रही है।
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महिलाओं ने जीते 7 गोल्ड, दिखाया भारतीय शक्ति का जलवा
महिला मुक्केबाजों ने इस प्रतियोगिता में दबदबा बनाते हुए कुल 7 स्वर्ण पदक जीते। निकहत जरीन के अलावा मीनाक्षी हुड्डा, प्रीति पवार, जैस्मिन लेंबोरिया, परवीन हुड्डा, अरुंधति और नूपुर श्योराण ने अपने-अपने भार वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
जैस्मिन लेंबोरिया की जीत सबसे चर्चित रही। उन्होंने पेरिस ओलंपिक की पदक विजेता वू शिह यी को 4-1 से मात दी, जिसे टूर्नामेंट की सबसे बड़ी जीतों में से एक माना जा रहा है।
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पुरुष मुक्केबाजों का भी दमदार प्रदर्शन, दो गोल्ड अपने नाम
पुरुष वर्ग में भी भारतीय बॉक्सर्स पीछे नहीं रहे। सचिन सिवाच ने 60 किलो भार वर्ग में किर्गिस्तान के मुनारबेक उलु सेइतबेक को 5-0 से हराकर गोल्ड जीता। 70 किलो कैटेगरी में हितेश गूलिया ने कजाखस्तान के नुर्बेक मुरसाल को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया।
इसके अलावा जदुमणि सिंह, पवन बर्तवाल, अभिनाश जामवाल और अंकुश फंगल ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत की पदक तालिका को मजबूत बनाया।
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भारतीय मुक्केबाजी में नया अध्याय, 20 में 20 वर्गों में पदक
इस प्रतियोगिता में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि देश ने सभी 20 भार वर्गों में पदक जीते। कुल मिलाकर भारत ने 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। यह प्रदर्शन भारतीय मुक्केबाजी ढांचे की मजबूती और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का परिणाम माना जा रहा है।
20 नवंबर को रिंग में उतरे भारत के 15 बॉक्सर्स ने अपने खेल से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। घरेलू मैदान का फायदा, दर्शकों का उत्साह और कोचिंग स्टाफ की मजबूत तैयारी ने भारत को शीर्ष स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

