रायपुर/गरियाबंद। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अपूर्ण मकानों को पूर्ण दर्शाने की शिकायतों पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत गरियाबंद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 4 ग्राम पंचायतों के आवास मित्रों और एक ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। साथ ही संबंधित अधिकारियों और पंचायत पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
जानकारी के अनुसार जिला स्तरीय टीम को विभिन्न ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन आवासों की वास्तविक स्थिति की जांच के लिए भेजा गया था। टीम ने खजूरपदर, उसरीजोर, सरईपानी, नवापारा, बजाड़ी, मुचबहाल और धोबनमाल में निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कई हितग्राहियों के आवास अभी भी अधूरे थे, बावजूद इसके आवास मित्रों और रोजगार सहायकों ने अन्य व्यक्तियों के घरों का जियोटैग कर उन्हें पूर्ण दिखा दिया था।
प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए ग्राम पंचायत सरईपानी, नवापारा, बजाड़ी और मुचबहाल के आवास मित्रों तथा ग्राम पंचायत धोबनमाल के रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त कर दीं। वहीं निरीक्षण और मॉनिटरिंग में लापरवाही के चलते जनपद पंचायत मैनपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के विकासखण्ड समन्वयक, तकनीकी सहायक (मनरेगा) सहित संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव को नोटिस जारी किया गया है।
कलेक्टर ने स्पष्ट कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने हितग्राहियों तक योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

