अंबिकापुर: मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो कैदी फरार, जेल सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
रायपुर 21 अक्टूबर:
छत्तीसगढ़ के जनजातीय बहुल और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधानित चार नए सरकारी महाविद्यालयों की स्थापना को औपचारिक स्वीकृति दे दी है।
रायपुर में दिल दहला देने वाला सड़क हादसा: 6 लोग गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में भर्ती
जारी आदेश के अनुसार, जशपुर जिले के फरसाबहार और करडेगा, तथा बस्तर जिले के नगरनार और किलेपाल में ये कॉलेज खोले जाएंगे। सरकार ने इन कॉलेजों के संचालन हेतु कुल 132 पदों का सृजन भी किया है। साथ ही, कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी उच्च शिक्षा विभाग को दे दी गई है।
प्रत्येक कॉलेज में 33 पद स्वीकृत
इन कॉलेजों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1, प्रयोगशाला सहायक व अन्य तकनीकी व प्रशासनिक पदों को मिलाकर प्रत्येक संस्थान में 33 पदों को स्वीकृति दी गई है।
भाभी ने देवर का काटा प्राइवेट पार्ट, गंभीर हालत में दिल्ली रेफर — अंतरंग संबंधों और शादी को लेकर था विवाद
मुख्यमंत्री ने कही युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की बात
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस निर्णय पर कहा:
“राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यह है कि छत्तीसगढ़ के सभी युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उनके ही क्षेत्र में उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि किसी भी बेटे या बेटी को पढ़ाई के लिए घर से दूर न जाना पड़े।”
उन्होंने कहा कि यह कदम विशेष रूप से जनजातीय और पिछड़े अंचलों के विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा। राज्य सरकार हर क्षेत्र में शिक्षा की पहुँच बढ़ाने और मजबूत शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
शिक्षा, रोजगार और कौशल को मिलेगा बल
विशेषज्ञों का मानना है कि इन नए कॉलेजों की स्थापना से स्थानीय युवाओं के लिए शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और कौशल विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे राज्य में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को भी गति मिलेगी, जो लंबे समय में प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
CG क्राइम: सपा नेता देशी कट्टा लहराते पकड़ा गया, पुलिस ने मौके पर किया गिरफ्तार
राज्य सरकार का यह कदम दूरस्थ अंचलों में शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इससे न केवल स्थानीय छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि ये कॉलेज आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय विकास के केंद्र बन सकते हैं।

