झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में एक ऐतिहासिक नया कानून लाने की बड़ी घोषणा की है, जिससे अब आम जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने चुनावी जनसभा के दौरान साफ किया कि यह नया कानून अधिकारियों को मजबूर करेगा कि वे खुद हर पंचायत और गांव तक पहुँचकर लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करें। यह घोषणा झारखंड न्यू गवर्नेंस लॉ (Jharkhand New Governance Law) के तहत की गई है। CM सोरेन ने दावा किया कि इस कदम से गरीब और वंचितों को उनका अधिकार सीधे मिलेगा और प्रशासनिक पारदर्शिता में सुधार होगा। यह पहल जनता के द्वार तक पहुंचेगी सरकार के नारे को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
हर गाँव-पंचायत में पहुँचेंगे अधिकारी: समस्याओं का ऑन-द-स्पॉट समाधान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए यह क्रांतिकारी झारखंड नया कानून लाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार जनता के हितों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” इस कानून का मुख्य उद्देश्य लालफीताशाही खत्म करना और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाना है। नए नियम के तहत, अधिकारियों को स्वयं लोगों के घरों तक पहुंचना होगा, उनकी शिकायतें सुननी होंगी, और प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करना होगा। यह व्यवस्था खासकर ग्रामीण इलाकों में उत्साह पैदा कर रही है, क्योंकि अब उन्हें छोटे-से-छोटे काम के लिए भी दूर-दराज के सरकारी दफ्तरों में नहीं जाना पड़ेगा।
जन्म प्रमाण पत्र और खतियान की त्रुटियाँ होंगी दुरुस्त
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी स्वीकार किया कि उन्हें कई नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र और खतियान (जमीन का रिकॉर्ड) में त्रुटियों की जानकारी मिली है। उन्होंने झारखंड के लोगों को आश्वासन दिया कि इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों की त्रुटियाँ चुनाव के तुरंत बाद दुरुस्त कराई जाएंगी। चुनावी मंच से उन्होंने विपक्षी पार्टी भाजपा पर भी तीखा हमला बोला। सोरेन ने कहा कि भाजपा ने झारखंड को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, सरकारी उद्योगों को निजी हाथों में बेचकर राज्य को भुखमरी की कगार पर धकेल दिया था। CM ने जनता से अपील की कि वे इस परिवर्तन को बनाए रखने के लिए झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन को भारी मतों से जिताएँ।
चुनावी घोषणा या ऐतिहासिक कदम? पक्ष-विपक्ष की राय
मुख्यमंत्री के इस बड़े गवर्नेंस रिफॉर्म वाले ऐलान को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। झामुमो (JMM) का दावा है कि यह कानून राज्य प्रशासन को “जनता के द्वार” तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम साबित होगा, जिससे गरीबों को अधिकार मिलेगा। वहीं, विपक्षी दलों, खासकर भाजपा नेताओं, ने इस घोषणा को केवल एक चुनावी वादा (Election Promise) करार दिया है। उनका कहना है कि जनता अब केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर किए गए काम से संतुष्ट होगी। हालांकि, यह तय है कि यह झारखंड न्यू गवर्नेंस लॉ अगर लागू होता है, तो राज्य के प्रशासन और लोक कल्याण (Public Welfare) के तरीके में बड़ा बदलाव लाएगा।
हेमंत सोरेन सरकार की यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसंपर्क को बढ़ाने का दम रखती है। यदि यह कानून सही मायनों में लागू होता है, तो झारखंड के गरीबों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी। यह देखना बाकी है कि सरकार इस वादे को कैसे जमीन पर उतारती है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

