नई दिल्ली। भारत में इस बार मानसून तय समय से पहले पूरे देश में सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अपने तय समय से नौ दिन पहले ही देशभर को कवर कर लिया, जिससे तटीय इलाकों से लेकर पहाड़ी राज्यों तक भारी वर्षा का दौर शुरू हो गया है। इसकी वजह से देश के कई हिस्सों में रेड और येलो अलर्ट जारी किया गया है। कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी भी दी गई है।
आइये जानते हैं अगले एक सप्ताह में अलग-अलग क्षेत्रों में कैसा रहेगा मानसून का हाल और किन राज्यों में स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है—
उत्तर भारत में भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा
- हिमाचल प्रदेश: 6 जुलाई तक राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश, भूस्खलन और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
- उत्तराखंड: 1 जुलाई से 6 जुलाई तक पर्वतीय इलाकों में लगातार बारिश होगी। नदियों में उफान और फसलों को नुकसान की आशंका।
- पंजाब और हरियाणा: पूरे सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश, परंतु उमस बढ़ेगी। हरियाणा के खेतों में जलभराव से फसलों को खतरा।
- दिल्ली-एनसीआर: हल्की से मध्यम बारिश के साथ बादल छाए रहेंगे, तापमान सामान्य से 3–5 डिग्री नीचे रहेगा, हवा की गति 30–50 किमी/घंटा तक।
- उत्तर प्रदेश: पश्चिमी यूपी में 1 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट (मेरठ, सहारनपुर, नोएडा), जबकि पूर्वी यूपी (लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी) में 3–6 जुलाई तक मध्यम से भारी बारिश संभव।
पश्चिम भारत में तेज हवाओं और भारी वर्षा की चेतावनी
- राजस्थान: 2 जुलाई तक हल्की–मध्यम बारिश, 5 जुलाई को पूर्वी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी। आर्द्रता बनी रहेगी।
- गुजरात: वेरावल, नवसारी, जामनगर जैसे तटीय जिलों में 1–6 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश और 40–60 किमी/घंटा की हवाएं चलने की संभावना।
- महाराष्ट्र और गोवा: कोकण, गोवा और घाट क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश। बिजली गिरने और जलभराव की चेतावनी।
मध्य भारत में अलर्ट: एमपी और छत्तीसगढ़ में भीषण वर्षा
- मध्य प्रदेश: जबलपुर, बालाघाट, शहडोल में 1 जुलाई को बहुत भारी वर्षा। भोपाल, सतना, रीवा, छिंदवाड़ा सहित कई जिलों में 2–4 जुलाई के बीच मध्यम बारिश और तेज हवाएं। 3 जुलाई तक रेड और ऑरेंज अलर्ट।
- छत्तीसगढ़: 1 से 6 जुलाई तक पूर्वी और मध्य जिलों में लगातार भारी बारिश का अनुमान। ग्रामीण क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका।
पूर्वी भारत में भी मानसून का दबदबा
- बिहार और ओडिशा: 4 जुलाई तक भीषण बारिश। बिहार में 2 जुलाई तक और ओडिशा में 3 जुलाई तक बहुत भारी बारिश का अलर्ट।
- झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम: 6 जुलाई तक भारी बारिश। बंगाल में 30 जून और 4–6 जुलाई के दौरान कई जिलों में स्थानीय बाढ़ की संभावना।
पूर्वोत्तर राज्यों में वर्षा के साथ तूफानी हालात
- असम, मेघालय, अरुणाचल, मणिपुर, त्रिपुरा: 2 और 3 जुलाई को बहुत भारी वर्षा और बिजली गिरने की आशंका। 6 जुलाई तक पूरे क्षेत्र में तूफानी हवाओं और बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
दक्षिण भारत में केरल-कर्नाटक में अलर्ट, तमिलनाडु में गर्मी
- केरल: 2 से 4 जुलाई तक तेज हवाओं के साथ भारी बारिश, खासकर कोझिकोड, मलप्पुरम और एर्नाकुलम में।
- कर्नाटक: तटीय जिलों (दक्षिण कन्नड़, उडुपी) में 6 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश। आंतरिक क्षेत्रों में 3–5 जुलाई के बीच बिजली गिरने की संभावना।
- तेलंगाना–आंध्र प्रदेश: अलग-अलग स्थानों पर छिटपुट बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने का अनुमान।
- तमिलनाडु–पुदुचेरी: 2 जुलाई तक बारिश कम, जिससे गर्मी और आर्द्रता अधिक। चेन्नई, मदुरै, त्रिची में तापमान ऊंचा रहेगा।
बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ा
- हिमाचल के कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में बाढ़ की संभावना।
- उत्तराखंड के बागेश्वर, टिहरी, पौड़ी जैसे क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन का खतरा।
- पूर्वोत्तर और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में लैंडस्लाइड की स्थिति बन सकती है।
दिल्ली-एनसीआर का तीन दिवसीय पूर्वानुमान
- 1 जुलाई: बादल छाए रहेंगे, गरज के साथ बारिश। अधिकतम तापमान 32–34°c, न्यूनतम 24–26°c।
- 2 जुलाई: आंशिक बादल, हल्की वर्षा। तापमान 33–35°c, हवा में नमी अधिक।
- 3 जुलाई: मौसम लगभग समान, हल्की बारिश संभव।
देश में समय से पहले सक्रिय हुए मानसून ने कई राज्यों में प्राकृतिक आपदा जैसे हालात बना दिए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए जनता और प्रशासन को सावधानी बरतने की ज़रूरत है। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों की सुरक्षा और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।