भाजपा सरकार की आर्थिक नीति पर कांग्रेस का हमला – “ना रुपया संभल रहा, ना अर्थव्यवस्था”
रायपुर, 10 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ शासन ने वर्ष 2025–26 के लिए भूमि की नई गाइडलाइन दरें लागू कर दी हैं। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक के निर्देश पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा अनुमोदित ये नई दरें 20 नवंबर 2025 से पूरे राज्य में प्रभावी हो गई हैं। वर्ष 2019–20 के बाद छह वर्ष बाद हुआ यह पुनरीक्षण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए व्यापक, संतुलित और जनहित में लिया गया कदम माना जा रहा है।
नई दरों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की जमीनों के वास्तविक बाजार मूल्य को प्रतिबिंबित करना और पिछले वर्षों से चली आ रही विसंगतियों को दूर करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्गों पर औसतन 109 प्रतिशत, जबकि अंदरूनी क्षेत्रों में औसतन 105 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार के अनुसार यह अचानक बढ़ोतरी नहीं है बल्कि विभिन्न ग्रामों के बीच मौजूद दरों के अंतर को वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन के आधार पर संतुलित किया गया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा अंतर खत्म – कई गाँवों में 300% से 700% तक बढ़ोतरी
बलरामपुर जिले में कई ऐसे गांव सामने आए जहां पिछली गाइडलाइन दरें वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम थीं।उदाहरण के तौर पर वर्ष 2019–20 में ग्राम ताम्बेश्वरनगर का मुख्य मार्ग दर 6,28,677 रुपये प्रति हेक्टेयर था, जबकि समीपस्थ ग्राम आरागाही का दर 34,27,200 रुपये प्रति हेक्टेयर था। दोनों गांव NH–343 के पास स्थित होने के बावजूद दरों में बड़ा अंतर रहा।नए युक्तिकरण के बाद ताम्बेश्वरनगर का दर 51,52,000 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया, जिससे 719 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
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इसी तरह ग्राम लूरघुट्टा में मुख्य मार्ग पर 711 प्रतिशत, जबकि अंदर की ओर 413 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।ग्राम नावाडीह में मुख्य मार्ग पर 568 प्रतिशत, तथा अंदरूनी हिस्सों में 326 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दोनों ही गांव पर्यटन और व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तातापानी क्षेत्र के समीप स्थित हैं, इसलिए बाजार मूल्य में स्वाभाविक वृद्धि को अब गाइडलाइन में शामिल किया गया है।
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ग्राम भवानीपुर में मुख्य मार्ग पर 554 प्रतिशत, और अंदर की ओर 411 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं रामचंद्रपुर, जो विकासखंड मुख्यालय है और स्टेट हाईवे से जुड़ा है, वहां भी बाजार मूल्य में 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी गई है।
शहरी क्षेत्रों में भी व्यापक पुनरीक्षण – औसतन 20% की वृद्धि
शहरी क्षेत्रों में भी इस वर्ष बड़ी समीक्षा की गई है। बलरामपुर जिले के सभी नगरीय निकायों में मुख्य मार्गों और अंदरूनी क्षेत्रों में औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है।बलरामपुर नगर में NH–343 से लगे अधिकांश वार्डों में पिछले वर्षों में एक ही मार्ग पर दरों में बड़ा अंतर पाया गया था, जिसे इस पुनर्समीक्षा में सही किया गया है।
उदाहरण के लिए वार्ड 01 (रविन्द्र प्रताप सिंह वार्ड) में प्रति वर्गमीटर दर 5740 रुपये थी, जबकि उसी मार्ग पर स्थित वार्ड 03 में केवल 1830 रुपये प्रति वर्गमीटर निर्धारित थी। नई गाइडलाइन में इन विसंगतियों को पूरी तरह दूर कर वास्तविक बाजार स्थिति के अनुसार दरों को संतुलित किया गया है।
नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि, आवासीय भूखंडों की बढ़ती मांग, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के विस्तार और तेज़ी से हो रहे शहरीकरण को देखते हुए, नगर पालिका, पटवारी और गूगल मैप के आधार पर वार्डवार नई कंडिकाएँ तैयार की गईं। इससे आवासीय और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों के बाजार मूल्यों का यथार्थ प्रतिबिंब गाइडलाइन में दिखाई देता है।
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विशेषज्ञों की राय – पारदर्शिता और आर्थिक विकास को मिलेगा बल
विशेषज्ञों का मानना है कि नई गाइडलाइन दरें राज्य के भूमि बाजार को अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और निवेश-अनुकूल बनाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को भूमि अधिग्रहण के समय उचित मुआवजा मिलेगा, जबकि शहरी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित विकास की गति और बढ़ेगी।भूमि मूल्य का यह वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के समग्र आर्थिक विकास को मजबूत आधार प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।
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