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22 नवंबर को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया लो-प्रेशर सिस्टम बनने की संभावना जताई गई है। हालांकि इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह मौसमीय डिस्टर्बेंस साइक्लोन का रूप लेगा या नहीं। विभाग का कहना है कि यह लो-प्रेशर एरिया 24 नवंबर तक डिप्रेशन में बदल सकता है और अगले 48 घंटों में इसके और अधिक मजबूत होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
इस सिस्टम के प्रभाव से ओडिशा में अगले चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। IMD के अनुसार, तटीय और दक्षिणी जिलों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है। 25 नवंबर तक राज्य के कई हिस्सों में वर्षा जारी रहने का अनुमान है।
फिलहाल IMD ने यह नहीं बताया है कि यह सिस्टम आगे चलकर साइक्लोनिक स्टॉर्म बनेगा या नहीं, जबकि कुछ वैश्विक मौसम मॉडल इसके और तीव्र होने की ओर इशारा कर रहे हैं। यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो संभावित साइक्लोन दक्षिणी, तटीय और अंदरूनी ओडिशा में भारी वर्षा ला सकता है।
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कृषि समुदाय के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि तेज़ बारिश से धान की पकी हुई फसल को नुकसान पहुंच सकता है। किसान पहले से ही अक्टूबर में आए साइक्लोन ‘मोंथा’ के नुकसान से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं और अब नए सिस्टम की आशंका ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर अलर्ट जारी किया जा सकता है।


