सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति व्यवस्था अब पूरी तरह डिजिटल और हाई-टेक होने जा रही है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि 15 नवंबर से हाजिरी जीओ-फेंस आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली से ही दर्ज की जाएगी।
नई व्यवस्था के तहत कर्मचारी अपनी उपस्थिति HP eBAS मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज करेंगे। जीओ-फेंसिंग तकनीक यह सुनिश्चित करेगी कि उपस्थिति सिर्फ कॉलेज परिसर में मौजूद रहने पर ही दर्ज हो सके। इससे उपस्थिति प्रणाली पहले की तुलना में ज्यादा पारदर्शी, सटीक और जवाबदेह बनेगी।
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प्रशिक्षण पूरा, पंजीकरण प्रक्रिया भी समाप्त
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए सभी सरकारी कॉलेजों को पहले ही डिजिटल टेक्नोलॉजीज एंड गवर्नेंस विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कर्मचारियों का हिम एक्सेस पोर्टल पर पंजीकरण पूरा कर लिया गया है और सभी कॉलेजों के लिए DDO अकाउंट भी बना दिए गए हैं, जिससे कर्मचारी मैपिंग और डेटा प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके।
नई प्रणाली लागू होने के बाद अब शिक्षकों और गैर-शिक्षण स्टाफ को पारंपरिक रजिस्टर या पुरानी बायोमेट्रिक मशीनों की आवश्यकता नहीं होगी। वे कॉलेज की सीमा में प्रवेश करते ही मोबाइल ऐप से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।
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जल्द विवि और तकनीकी संस्थानों में भी लागू हो सकता है सिस्टम
विभागीय अधिकारियों के अनुसार भविष्य में इस डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में भी लागू करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि पूरे प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में एक समान उपस्थिति व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
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