रायपुर //
शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में प्रदेश भर में हो रही अनियमितताओं, पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और गड़बड़ियों के खिलाफ शिक्षक साझा मंच ने सोमवार को मंत्रालय और संचालनालय का दौरा कर शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश संचालक मनीष मिश्रा के नेतृत्व में वीरेन्द्र दुबे, केदार जैन, संजय शर्मा, विकास राजपूत, जाकेश साहू, शंकर साहू, धरमदास बंजारे, विष्णु प्रसाद साहू, अनिल टोप्पो, बसंत चतुर्वेदी व वेदकुमारी यादव आदि प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाई गई प्रमुख आपत्तियाँ –
- अतिशेष सूची का प्रकाशन नहीं – रायपुर सहित कई जिलों में अतिशेष शिक्षकों की सूची ही जारी नहीं की गई।
- अचानक सूचना – शिक्षकों को रात में अचानक व्यक्तिगत सूचना देकर काउंसलिंग के लिए बुलाया गया।
- दावा-आपत्ति का अवसर नहीं – न काउंसलिंग से पूर्व और न स्थल पर शिक्षकों की आपत्तियाँ स्वीकार की गईं।
- वरिष्ठों को अतिशेष – प्राथमिक शालाओं में वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर कनिष्ठों को यथावत रखा गया।
- विषय चयन में मनमानी – पूर्व माध्यमिक शालाओं में विषय आधारित पदस्थापन के नियमों की अनदेखी की गई।
- रिक्त पदों पर भ्रम – एक ही शाला में पहले शिक्षक को अतिशेष घोषित कर बाद में रिक्त पद बताकर पदस्थापन कर दिया गया।
- व्याख्याताओं की अव्यवस्था – कई हाईस्कूलों में एकमात्र विषय-विशेषज्ञ को ही अतिशेष घोषित कर दिया गया।
- आत्मानंद व पीएम-श्री स्कूलों में पक्षपात – इन संस्थानों को अतिशेष गणना से बाहर रखा गया।
- वरिष्ठता की अनदेखी – काउंसलिंग में वरिष्ठता क्रम के स्पष्ट उल्लंघन की शिकायतें मिलीं।
- भाई-भतीजावाद – कई जिलों में निरंकुशता और सिफारिश आधारित स्थानांतरण सामने आए।
- बिलासपुर संभाग में विसंगति – कला संकाय के पद सृजित कर दूसरे जिलों में पदस्थापन किया गया, जबकि संबंधित जिले में रिक्तियाँ नहीं थीं।
- एक जिले में दो मापदंड – जांजगीर चांपा में सहायक शिक्षकों व शिक्षकों के लिए अलग-अलग नियम अपनाए गए।
- संलग्निकरण पर नाराजगी – कुछ अधिकारियों द्वारा मनमानी संलग्निकरण की शिकायत की गई है।
चार सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा गया
- युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया स्थगित हो – 2/8/2024 के आदेश के अंतर्गत हुई संपूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोका जाए, और 2008 की स्वीकृत सेटअप व्यवस्था लागू की जाए।
- क्रमोन्नत वेतनमान पर आम आदेश – उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार एलबी शिक्षकों को पूर्व सेवा जोड़कर एरियर सहित क्रमोन्नत वेतनमान मिले।
- बीएड अनिवार्यता शिथिल हो – डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को भी व्याख्याता एवं प्राचार्य पद पर पदोन्नति का अवसर दिया जाए।
- एलबी संवर्ग की सेवा गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से हो – ताकि पेंशन सहित सभी लाभ मिल सकें।
शिक्षक साझा मंच ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 30 जून 2025 तक दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही और त्रुटियों का सुधार नहीं किया गया, तो 1 जुलाई 2025 को प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में व्यापक धरना प्रदर्शन किया जाएगा।