रायपुर, 31 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस एवं प्रदेश के 25वें वर्षगांठ के अवसर पर देश के माननीय, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ आगमन पर “छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ” ने उनका स्वागत, वंदन एवं हार्दिक अभिनंदन करते हुए एक खुला प्रार्थना/निवेदन/आग्रह पत्र जारी किया है।
संगठन ने प्रदेश के 1,80,000 शिक्षक एलबी संवर्ग की ओर से प्रधानमंत्री मोदी जी को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी हैं और शिक्षक हित में मुख्य मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। संगठन ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की प्रगति, वैश्विक प्रतिष्ठा और शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते अवसरों की सराहना करते हुए कहा है कि “अब समय है कि छत्तीसगढ़ के शिक्षक वर्ग की भी लंबित समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए।”
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया कि शिक्षक एलबी संवर्ग की मांगें कई वर्षों से लंबित हैं, जिनके समाधान से न केवल शिक्षक वर्ग बल्कि पूरा प्रदेश शैक्षणिक रूप से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक प्रदेश के किसान, मजदूर और आम नागरिकों के घरों से आते हैं — अतः उनकी खुशहाली प्रदेश की खुशहाली है।


शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें:
- प्रदेश के समस्त सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
- शिक्षक एलबी संवर्ग की प्रथम सेवा गणना कर उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जाए।
- प्रथम सेवा गणना के आधार पर पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू की जाए।
- वर्ष 2025 में किए गए युक्तिकरण को रद्द कर शिक्षकों को उनके मूल पदस्थ स्कूलों में वापस भेजा जाए।
- 2008 का सेटअप यथावत लागू किया जाए।
- रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए।
- प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों को स्थायी प्रभार दिया जाए।
- स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता बहाल की जाए और उन्हें अविलंब पदोन्नति दी जाए।
- शिक्षक एलबी संवर्ग पर लगे स्थानांतरण प्रतिबंध को हटाया जाए और सभी को स्थानांतरण का लाभ दिया जाए।
संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों — वीरेंद्र साहू, शिवकुमार साहू, राजेंद्र लाडेकर, भोजराम साहू, गायत्री मंडलोई, महेश्वर कोटपरिहा, हरिशंकर पटेल, कमलेश कुमार भारती, नरेंद्र तिवारी, केशव पटेल, सहित सैकड़ों जिला एवं ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी से यह मांग की है कि शिक्षक एलबी संवर्ग की समस्याओं का समाधान केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से शीघ्र किया जाए।
शिक्षक संघ का मानना है कि इन मांगों के पूरा होने से न केवल शिक्षक वर्ग सशक्त होगा, बल्कि प्रदेश के विकास की गाड़ी और अधिक गति पकड़ेगी।

