धनबाद,
झारखंड के धनबाद जिले के निरसा स्थित ईसीएल के बंद पड़े कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी क्षेत्र में रविवार सुबह अवैध खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया। कोयले की चाल अचानक धंस गई, जिसमें एक महिला सहित चार लोग दब गए। मलबे से निकालने के बाद सीतारामपुर (पश्चिम बंगाल) निवासी मनोज कोयरी (46) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज गुपचुप कराया जा रहा है।
घटना कापासारा कोलियरी के पश्चिम दिशा में मुगमा स्टेशन रोड के पास बताई जा रही है, जहां लगभग 100 फीट गहरी सुरंगनुमा जगह में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा था। रविवार सुबह रोजाना की तरह आठ से दस मजदूर अंदर उतरे थे। कुछ घंटों बाद अचानक चाल धंसने से चार लोग मलबे में फंस गए। हादसे के बाद वहां मौजूद खदान से जुड़े लोगों ने दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाला, लेकिन घटना की सूचना प्रबंधन या पुलिस को नहीं दी गई।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कोलियरी प्रबंधन खदान को पूरी तरह खुले छोड़ देता है। डेंजर और वर्जित क्षेत्र के बोर्ड लगाकर औपचारिकता निभाई जाती है, जबकि सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की है। मजबूरी में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध खनन करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस अवैध खनन का संचालन स्टेशन रोड निवासी अजगर नामक युवक द्वारा किया जाता है, जो पश्चिम बंगाल, पुरुलिया, बांकुड़ा, जामताड़ा, मधुपुर और आसपास के जिलों से मजदूर बुलाता है। दुर्घटना होने पर मजदूरों को चुपचाप मुआवजा देकर मामला दबा दिया जाता है।
हादसे के बाद भी माइनिंग सरदार इंद्रजीत सिंह और ओवरमैन अरुण सिंह ने किसी भी घटना से इंकार किया। वहीं स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि निरसा क्षेत्र में अवैध खनन का पूरा नेटवर्क वर्षों से संगठित तरीके से सक्रिय है और प्रशासनिक अनदेखी के कारण ऐसे हादसे लगातार होते रहे हैं।
ग्रामीणों में इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है और वे कोलियरी प्रबंधन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। फिलहाल पुलिस आधिकारिक तौर पर चुप है, जबकि घायल मजदूरों का इलाज गुप्त रूप से जारी है।

