रायपुर। नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। राज्य पाठ्यपुस्तक निगम ने 1 जुलाई से 10 जुलाई के बीच निजी स्कूलों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण करने का शेड्यूल जारी कर दिया है। निगम की ओर से विकासखंडवार सूची भी तैयार कर ली गई है और वितरण का काम संभागीय मुख्यालयों से किया जाएगा।
प्रदेश भर में सीजी बोर्ड से संबद्ध 8200 से अधिक निजी स्कूलों को सरकार हर साल की तरह इस बार भी फ्री टेक्स्टबुक उपलब्ध करा रही है। इन स्कूलों को पाठ्यपुस्तकें स्कैनिंग के बाद निशुल्क दी जाएंगी। स्कूलों को पुस्तकों का बारकोड स्कैन कर लेना होगा, जिसके बाद वे अपने-अपने हिस्से की किताबें ले जा सकेंगे।
सरकारी स्कूलों में अब भी अटका वितरण
जहां एक ओर निजी स्कूलों के लिए शेड्यूल साफ हो चुका है, वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र अब भी किताबों के इंतजार में हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में अब तक किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। मुख्य वजह – बारकोड स्कैनिंग में तकनीकी गड़बड़ी।
राज्यभर के कई स्कूलों से रिपोर्ट आई है कि किताबों में छपे बारकोड स्कैन नहीं हो रहे, जिससे वितरण प्रक्रिया ठप हो गई है। इसके चलते न केवल छात्र परेशान हैं बल्कि शिक्षकों को भी पढ़ाई करवाने में मुश्किलें आ रही हैं। कई जगह शिक्षकों को पुराने सत्र की किताबों से काम चलाना पड़ रहा है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
हर साल किताबों की देरी से वितरण और तकनीकी अड़चनों से जूझ रही शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। जबकि सरकार दावा करती है कि बच्चों को समय पर शैक्षणिक सामग्री पहुंचाई जाती है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है।
उम्मीद की किरण
पाठ्यपुस्तक निगम ने संकेत दिए हैं कि बारकोड की समस्या को जल्द दूर कर सरकारी स्कूलों में भी वितरण प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। लेकिन तब तक लाखों छात्र बिना किताबों के ही पढ़ाई शुरू करने को मजबूर रहेंगे।
फिलहाल निजी स्कूलों के लिए राहत की खबर है, लेकिन सरकारी स्कूलों के छात्र अब भी बेसब्री से अपने हिस्से की किताबों की राह देख रहे हैं।