रायपुर — छत्तीसगढ़ सरकार ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। राज्य के शासकीय कॉलेजों में प्राध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा है कि जल्द ही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या है युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया
युक्तियुक्तकरण का अर्थ है कॉलेजों में शिक्षकों की उपलब्धता का संतुलन बनाना। जिन कॉलेजों में किसी विषय के अतिरिक्त प्राध्यापक हैं, उन्हें उन कॉलेजों में समायोजित किया जाएगा जहाँ उस विषय की कमी है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो और हर विषय के लिए पर्याप्त प्राध्यापक मौजूद रहें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी लंबे समय से छात्रों और प्रबंधन दोनों के लिए चुनौती बनी हुई थी। सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग से मंजूरी मिलते ही नई भर्ती की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में सरकार ने करीब 700 पदों की भर्ती को हरी झंडी दी है।
इससे पहले स्कूल शिक्षा में भी युक्तियुक्तकरण लागू किया गया था, जिससे शिक्षकविहीन और एकल-शिक्षक स्कूलों की संख्या में भारी कमी आई। अब यही मॉडल कॉलेजों पर लागू किया जा रहा है।
विषयवार प्राध्यापकों की कमी अलग-अलग है, इसलिए समायोजन की प्रक्रिया में समय और गहन समीक्षा लगेगी कॉलेजों के बीच स्थानांतरण और समायोजन से प्रशासनिक दबाव बढ़ेगा सरकार के सामने सिर्फ संख्या पूरी करना ही नहीं, बल्कि विषय-विशेषज्ञों की भर्ती सुनिश्चित करना भी बड़ी चुनौती होगी मंत्री टंकराम वर्मा का कहना है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू होते ही कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव दिखाई देगा और छात्रों को पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं होगी।