सौरभ सतपथी महासमुंद, 14 जून 2025
जिले में आदिम जाति विकास विभाग अंतर्गत कार्यरत छात्रावास अधीक्षकों की श्रेणी ‘द’ से श्रेणी ‘स’ में पदोन्नति हेतु काउंसलिंग प्रक्रिया शनिवार को कलेक्टर विनय लंगेह के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। यह काउंसलिंग राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला स्तरीय समिति द्वारा पूर्ण पारदर्शिता और मापदंडों का पालन करते हुए आयोजित की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शिल्पा साय और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी समिति सदस्य के रूप में उपस्थित रहे।
काउंसलिंग में श्रेणी ‘द’ से पदोन्नत सभी अधीक्षक, संबंधित अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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*कुल 34 अधीक्षकों की पदस्थापना — 12 प्रस्ताव संभाग को भेजे जाएंगे*
जिले में कुल 46 स्वीकृत पदों में से 34 पदों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शेष 12 पदों के लिए अतिशेष अधीक्षकों के प्रस्ताव संभाग स्तरीय समिति को भेजे जाएंगे, ताकि उन्हें यथोचित स्थान पर समायोजित किया जा सके।
राज्य शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रक्रिया में निम्न बिंदुओं को विशेष प्राथमिकता दी गई:
पति-पत्नी दोनों यदि अधीक्षक हों तो एक ही क्षेत्र में पदस्थापना
चिकित्सा कारणों से स्थानांतरण की आवश्यकता
दिव्यांग अधीक्षक
विधवा, परित्यक्ता एवं एकल महिलाएं
न्यायालयीन प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय
शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलन
अनुसूचित एवं गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में समुचित समायोजन
स्वेच्छा से अन्य जिलों में स्थानांतरण चाहने वालों के लिए भी प्रस्ताव तैयार
जिन अधीक्षकों ने स्वेच्छा से अन्य जिलों में पदस्थापना के लिए आवेदन दिया, उनसे तीन वैकल्पिक जिलों की वरीयता प्राप्त कर प्रस्ताव संभाग स्तरीय समिति को अग्रेषित किया गया है। वहीं, जो अधीक्षक संभाग से बाहर जाना चाहते हैं, उनके प्रस्ताव राज्य स्तरीय समिति को भेजे जा रहे हैं।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने कहा कि “राज्य शासन की मंशा के अनुरूप पदस्थापन प्रक्रिया में पारदर्शिता, प्राथमिकता और पात्रता को केंद्र में रखा गया है। यह सुनिश्चित करता है कि विभागीय कार्य अधिक दक्षता और संवेदनशीलता के साथ संचालित हों, जिससे सेवा गुणवत्ता में वृद्धि हो।”