दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा ज़िले में शाला–शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के आरोप में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) श्री शेख रफ़ीक़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश क्रमांक 260/स्टेनो/2025 के अनुसार, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के मार्गदर्शी निर्देशों के पालन में हुई लापरवाही से शासन की छवि धूमिल हुई है।

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- रिक्त पदों को छिपाना
गीदम विकासखण्ड की 31 आश्रम शालाओं/विद्यालयों के रिक्त पद जानबूझकर युक्तियुक्तकरण से बाहर रखे गए, जिससे 20 शिक्षकों को अन्य विकासखण्डों में स्थानांतरित होना पड़ा। - वरिष्ठता सूची में फेरबदल
शिक्षकों की निर्धारित वरिष्ठता क्रम में बदलाव कर युक्तियुक्तकरण की पारदर्शिता प्रभावित की गई। - आश्रम अधीक्षकों और विशिष्ट संस्थाओं की अनदेखी
शासन निर्देश के बावजूद आश्रम अधीक्षकों को अतिशेष से मुक्त नहीं रखा गया और विशिष्ट संस्थानों के शिक्षकों को भी युक्तियुक्तकरण में शामिल कर दिया गया। - दिव्यांग शिक्षक को अतिशेष सूची में डालना
दृष्टिबाधित शिक्षक राजकुमार जैन (प्राथमिक शाला बड़ेपनेड़ा पटेलपारा) को नियमों के विपरीत अतिशेष घोषित किया गया।
आदेश में कहा गया है कि उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम-3 (1), (2) व (3) का उल्लंघन है। परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम-9 (1)(क) के तहत श्री रफ़ीक़ को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, दन्तेवाड़ा रहेगा तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।यह आदेश आयुक्त, बस्तर संभाग की स्वीकृति उपरांत तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।