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उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पान मसाला उत्पादों पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम बदलाव किया है। अब पान मसाला के हर पैक, चाहे उसका आकार कितना भी छोटा क्यों न हो, पर खुदरा बिक्री मूल्य (RSP) अंकित करना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 के तहत लागू किया जाएगा।सरकार ने इसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए जीएसआर 881(ई) अधिसूचना जारी की है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह संशोधित नियम 1 फरवरी 2026 से प्रभावी होगा। नियम लागू होते ही देश के सभी निर्माता, पैकर और आयातकों को इसका पूर्ण रूप से पालन करना होगा।
इस निर्णय के साथ वह पूर्व छूट समाप्त कर दी गई है, जिसके तहत 10 ग्राम या उससे कम के छोटे पैकों को कुछ अनिवार्य घोषणाओं से राहत दी गई थी। अब इन छोटे पैक्स पर भी RSP सहित सभी अनिवार्य घोषणाएँ प्रदर्शित करना जरूरी होगा। नियम 26(ए) के अंतर्गत पुरानी शर्त को हटाकर पान मसाला के लिए नई शर्त लागू कर दी गई है विभाग का कहना है कि यह कदम उपभोक्ताओं को पारदर्शी मूल्य जानकारी उपलब्ध कराएगा, जिससे धोखाधड़ी और भ्रामक कीमत निर्धारण पर रोक लगेगी। उपभोक्ता अब सही और स्पष्ट जानकारी के आधार पर खरीदारी का निर्णय ले सकेंगे।
इसके साथ ही, सभी पैकों पर खुदरा बिक्री मूल्य अनिवार्य किए जाने से पान मसाला पर खुदरा बिक्री मूल्य आधारित जीएसटी लेवी लागू करने में भी आसानी होगी। इससे सही कर निर्धारण और राजस्व संग्रह सुनिश्चित करने में मदद मिलने की उम्मीद है, खासकर सबसे छोटी यूनिट तक। यह संशोधन उपभोक्ता हितों को मजबूत करने और कर व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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