जयपुर, राजस्थान
इस गर्मी राजस्थान की मछलियाँ चैन की सांस लेंगी। राज्य सरकार ने सोलह जून दो हजार पच्चीस से लेकर इकतीस अगस्त दो हजार पच्चीस तक पूरे ढाई महीने के लिए मछलियों को एक तरह से “विशेष अवकाश” दे दिया है। इस दौरान राज्य के सभी स्वच्छ जलाशयों में पकड़ी गई मछलियों की बिक्री, विनिमय और प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
यह फैसला मछलियों के प्रजनन काल को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह वह समय होता है जब मछलियाँ अंडे देती हैं और अपनी नई पीढ़ी को जन्म देती हैं। यदि इस अवधि में मछलियों को लगातार पकड़ा और बेचा जाता रहा तो उनकी संख्या में गंभीर गिरावट आ सकती है। इसका असर न केवल जलीय जीवन पर बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ेगा।
मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि को मछलियों के लिए ‘नो डिस्टर्ब टाइम’ माना जाना चाहिए। मछलियों को शांत वातावरण और पर्याप्त समय मिलना चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के अपनी आबादी बढ़ा सकें। यह निर्णय मछलियों की संख्या संतुलित रखने, जल स्रोतों की जैव विविधता बनाए रखने और भविष्य में मछली उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस विशेष अवधि में मछलियों की बिक्री नहीं की जा सकती। न तो उन्हें बाजारों में बेचा जा सकता है और न ही अदला-बदली की जा सकती है। इसके अलावा किसी भी दुकान, होटल या सार्वजनिक स्थल पर मछलियों का प्रदर्शन भी वर्जित रहेगा। यह नियम राजस्थान के सभी जिलों और क्षेत्रों में समान रूप से लागू होंगे, चाहे वह जयपुर हो या उदयपुर, कोटा हो या जोधपुर।
यह मछलियों के लिए एक तरह की गर्मी की छुट्टी है, जिसमें वे बिना डर के जीवन चक्र को पूरा कर सकेंगी। उनके अंडों से निकलने वाली नई पीढ़ी भविष्य में नदियों, झीलों और तालाबों की शोभा बनेगी। विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि हम आज मछलियों को यह अवसर नहीं देंगे तो कल उनकी संख्या में भारी गिरावट देखने को मिलेगी और वह दिन दूर नहीं जब मछली केवल किताबों और तस्वीरों में ही नजर आएगी।
मछली व्यापारियों और आमजन से अपील की गई है कि वे इस अवधि में धैर्य और सहयोग का परिचय दें। मछलियों को थोड़ी राहत देकर हम आने वाले वर्षों के लिए उन्हें संरक्षित कर सकते हैं।
सरकार का यह फैसला पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि जब तक प्रकृति को समय नहीं देंगे, तब तक उसका संतुलन बना रहना मुश्किल होगा।