जशपुर जिले के मयाली से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग NH-43 और स्टेट हाईवे की शांति उस वक्त भंग हो गई जब “बाइकर्स ऑफ जशपुर” नामक एक गैंग तेज रफ्तार बाइकों पर स्टंट करते हुए न केवल आमजन की जान जोखिम में डाल रहा था, बल्कि पूरे इलाके की शांति व्यवस्था को चुनौती दे रहा था। शाम करीब 4 बजे जैसे ही यह सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह को मिली, उन्होंने खुद कमान संभाल ली।
एसएसपी के निर्देश पर एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी और उप निरीक्षक संतोष तिवारी तत्काल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने सुनियोजित घेराबंदी कर कुल 17 स्पीड बाइकर्स को मौके पर गिरफ्तार किया, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं।
गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये सभी “बाइकर्स ऑफ जशपुर” नामक सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़े हैं और उसी के माध्यम से उन्होंने इस गैरकानूनी स्टंट शो का आयोजन किया था। केवल जशपुर ही नहीं, ओडिशा और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों से भी स्टंटबाज बाइकर्स शामिल हुए थे।
थाने में पूछताछ के दौरान सभी युवकों के ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीयन और बाइकों के मॉडिफिकेशन की गहन जांच की गई। जांच में यह सामने आया कि कई वाहन अवैध रूप से मोडिफाई किए गए थे और चालक खतरनाक तरीके से स्टंट कर रहे थे।
कार्रवाई के तहत जिन 17 युवकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत चालानी कार्रवाई की गई, वे हैं —
सेत राम (किलकिला), गनपत पैंकरा (लोड़हापानी), राहुल राम (रानीबगीचा), बादल भगत (प्रेमनगर), तरुण भगत (तेतरटोली), विनोद साय (बगिया), शंकर राम (राउरकेला), किशन कुमार (बागबहार), दीपेश कुमार (सोनतराई), गजेन्द्र पैंकरा (राजाआमा कोतबा), शिषु पाला पैंकरा (कोतबा), गान्दरू बरला (राउरकेला), रूस्तम पैंकरा (सागीभावना, कांसाबेल), अजय कुमार जाड़ी (मेराल), आमोश एक्का (लैलुंगा) और दो नाबालिग — एक धरमजयगढ़ क्षेत्र का व दूसरा आरा क्षेत्र से। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ कुल 37,000 रुपये का चालान काटते हुए सख्त हिदायत दी। कुछ के परिजनों को थाने बुलाकर उनके समक्ष भी सख्त समझाइश दी गई।
एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह ने बाइकर्स से स्पष्ट रूप से कहा —
“खतरनाक स्टंट करना बंद करें। आप समाज का भविष्य हैं। आपके एक गलत कदम से किसी की जान जा सकती है और पूरे क्षेत्र में अशांति फैल सकती है। आप जागरूक युवा बनिए और समाज के विकास में भागीदारी निभाइए।”
इस कार्रवाई को जशपुर पुलिस की एक “सर्जिकल स्ट्राइक” के रूप में देखा जा रहा है, जिसने असामाजिक गतिविधियों को न केवल रोका, बल्कि युवाओं को एक कड़ा संदेश भी दिया कि शांति और कानून के साथ खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा