नई दिल्ली।
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के स्वामित्व वाली स्टारलिंक (Starlink) ने भारत में अपनी पहली भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के जल्द लॉन्च की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
बेंगलुरु बनेगा स्टारलिंक का ऑपरेशनल बेस
स्पेसएक्स के करियर पोर्टल पर जारी जॉब पोस्टिंग के अनुसार, कंपनी ने फाइनेंस और अकाउंटिंग विभागों में कई पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनमें अकाउंटिंग मैनेजर, पेमेंट्स मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसे पद शामिल हैं।
सभी पदों का कार्यस्थल बेंगलुरु रखा गया है, जो भारत में स्टारलिंक का मुख्य परिचालन केंद्र (Operational Base) होगा। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी नियुक्तियां स्थानीय निवासियों की होंगी और किसी भी पद के लिए रिमोट या हाइब्रिड वर्क की सुविधा नहीं होगी।
2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में लॉन्च की तैयारी
स्टारलिंक की योजना 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की है। कंपनी इस समय भारत में सुरक्षा और रेगुलेटरी अप्रूवल्स पर काम कर रही है।
हाल ही में मुंबई में कंपनी ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नेटवर्क का डेमो दिया, ताकि सरकार उसकी साइबर सुरक्षा और लॉफुल इंटरसेप्शन क्षमताओं की जांच कर सके। यह प्रक्रिया दूरसंचार विभाग (DoT) के जरिए स्पेक्ट्रम आवंटन से पहले की एक जरूरी शर्त है।
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ग्राउंड नेटवर्क और ऑफिस सेटअप तैयार
स्पेसएक्स ने भारत में तीन ग्राउंड स्टेशन तैयार कर लिए हैं, जिनका निरीक्षण जल्द ही किया जाएगा। शुरुआती चरण में ये स्टेशन मुंबई, चेन्नई और नोएडा में स्थापित किए गए हैं। आगे चलकर कंपनी चंडीगढ़, लखनऊ और कोलकाता समेत 9–10 शहरों में नेटवर्क विस्तार की योजना बना रही है।
कंपनी ने मुंबई के चांदिवली इलाके में 1,294 वर्ग फुट का ऑफिस भी लीज पर लिया है। लीज एग्रीमेंट के अनुसार, कंपनी हर महीने 3.52 लाख रुपये किराया देगी और 31.7 लाख रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा किया गया है।
सेवा की कीमतें और प्लान
स्टारलिंक के सेटअप की एकमुश्त लागत 30,000 से 35,000 रुपये तक हो सकती है, जबकि मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान 3,000 से 4,200 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
कंपनी का लक्ष्य हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट चाहने वाले प्रीमियम ग्राहकों पर है, खासकर उन इलाकों में जहां फाइबर नेटवर्क की पहुंच सीमित है।
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जियो और वनवेब से कड़ी प्रतिस्पर्धा
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की दौड़ अब तेज़ हो गई है। स्टारलिंक को यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिलेगी। ये कंपनियां भी रेगुलेटरी मंजूरी के अंतिम चरण में हैं।
इस बीच, अमेजन भी अपने प्रोजेक्ट कुइपर (Project Kuiper) के तहत भारत में तेजी से भर्ती कर रही है और टेलीकॉम बिजनेस डेवलपमेंट, जीटीएम लीड और प्रोग्राम मैनेजर जैसे पदों के लिए उम्मीदवार तलाश रही है।
ग्रामीण भारत के लिए डिजिटल छलांग
स्टारलिंक और अमेजन जैसी कंपनियों की तेजी से बढ़ती गतिविधियों के साथ भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री अब वास्तविक रूप से क्रियान्वयन के चरण में प्रवेश कर चुकी है। इससे न केवल देशभर में हाई-स्पीड इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को भी नया बल मिलेगा।

