गुरुवार की रात प्रदेश में इस सीजन की सबसे ठंडी रात साबित हुई। भारतीय मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर-पश्चिम से लगातार बह रही हिमालयी ठंडी हवाओं ने तापमान में तेज गिरावट दर्ज कराई। 13 नवंबर की रात न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिसने पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
सीएसए मौसम वेधशाला के अनुसार इससे पहले 13 नवंबर 2013 को न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री दर्ज हुआ था। उसके बाद से अब तक 13 नवंबर का न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री से कम नहीं गया था।
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हवाओं की निरंतरता ने बढ़ाई सर्दी
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गति भले ही अधिक नहीं है, लेकिन उनकी निरंतरता ने रात का तापमान तेजी से गिराया। हवा के बेहतर प्रवाह से प्रदूषण में हल्की कमी आई और आसमान साफ रहने से रात में ठंड और बढ़ गई।
कानपुर के बाद इटावा का तापमान भी उल्लेखनीय रूप से गिरा, जहां न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एस.एन. सुनील पांडेय ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियाँ कुछ दिनों तक जारी रह सकती हैं।
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मौसम में आने वाले दिनों में और बड़ा बदलाव संभव
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, नवंबर के अंतिम सप्ताह में ला-नीना के प्रशांत महासागर में सक्रिय होने की संभावना है, जिससे उत्तर भारत में ठंड और बढ़ सकती है।
24 और 25 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के असर से पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे मैदानी इलाकों में कंपकंपी बढ़ सकती है।
सीएसए मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने भी पुष्टि की कि वर्ष 2013 के बाद पहली बार 13 नवंबर का न्यूनतम तापमान इतना कम रिकॉर्ड किया गया है।
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