बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान शुरू
बिहार में आज लोकतंत्र का उत्सव अपने पहले चरण में प्रवेश कर गया है। गुरुवार सुबह सात बजे से राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। शाम छह बजे तक चलने वाले इस मतदान में कुल 1,314 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। इनमें एनडीए सरकार के 16 मंत्री और विपक्षी महागठबंधन के कई दिग्गज नेता शामिल हैं। बिहार के चुनावी इतिहास में यह चरण सबसे अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी में उत्तर बिहार, मिथिला, मगध और पटना क्षेत्र की कई निर्णायक सीटें शामिल हैं।
पहले चरण का दांव: 121 सीटें, 1314 उम्मीदवार, 3.75 करोड़ मतदाता
आज का मतदान दरभंगा से लेकर बक्सर तक के 18 जिलों में फैला है — मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, वैशाली, पटना, गोपालगंज, सिवान, सारण, बक्सर, भोजपुर, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा और मुजफ्फरपुर।
इन 121 सीटों पर मुकाबला न सिर्फ राजनीतिक रूप से, बल्कि सामाजिक रूप से भी दिलचस्प है। मिथिला की सियासत के साथ-साथ मगध और उत्तर बिहार की सीटें इस चरण में आने वाले चुनावी रुझानों की दिशा तय कर सकती हैं।
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मंत्री से मतदाता तक: साख की परीक्षा
इस चरण में एनडीए सरकार के कुल 16 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमें भाजपा के 11 और जदयू के 5 मंत्री शामिल हैं।
भाजपा की ओर से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (सीवान), पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (बांकीपुर), उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (तारापुर), उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (लखीसराय), नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा (जाले) और राजस्व मंत्री संजय सरावगी (दरभंगा शहरी) मैदान में हैं।
वहीं, जदयू की ओर से जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सरायरंजन), ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा), समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (बहादुरपुर), सूचना मंत्री महेश्वर हजारी (कल्याणपुर) और रत्नेश सदा (सोनबरसा) अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इन सभी के लिए यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि राजनीतिक भविष्य की अग्निपरीक्षा है।
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तेजस्वी बनाम सत्ता: सीधी टक्कर की सीटें
पहले चरण में सबसे ज्यादा निगाहें राघोपुर सीट पर हैं, जहां से विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव मैदान में हैं। यह सीट हमेशा से यादव परिवार की सियासत का गढ़ रही है और अबकी बार मुकाबला पहले से ज्यादा कड़ा है।
इसी तरह दानापुर में भाजपा के रामकृपाल यादव, महुा में तेज प्रताप यादव, और मोकामा में बाहुबली छवि वाले अनंत सिंह की साख भी दांव पर है।
छपरा से भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव, अलीनगर से लोकगायिका मैथिली ठाकुर, और रघुनाथपुर से ओसामा शहाब (दिवंगत शहाबुद्दीन के बेटे) जैसे उम्मीदवारों के उतरने से इस चरण का चुनाव ग्लैमर और विरासत का मिश्रण बन गया है।
यह चरण दरअसल बिहार की राजनीति के तीन रंग दिखा रहा है — परंपरा, परिवारवाद और नए चेहरे का संगम।
मतदान पर निगरानी: ईवीएम से वेबकास्टिंग तक
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सभी 45,341 मतदान केंद्रों की लाइव वेबकास्टिंग की जा रही है।
मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 121 सामान्य, 18 पुलिस और 33 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।
किसी बूथ पर तकनीकी खराबी या सुरक्षा समस्या होते ही स्पेशल रैपिड रिस्पॉन्स टीम तत्काल पहुंच जाएगी।
मतदाताओं की सुविधा के लिए शिकायत हेतु हेल्पलाइन नंबर 0612-2824001 और ईमेल ceo_bihar@eci.gov.in जारी किया गया है।
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नाव, ट्रैक्टर और संकल्प का सफर
बिहार के गांवों में लोकतंत्र की सच्ची तस्वीर आज फिर दिखी।
समस्तीपुर के मोहनपुर में जब मतदान कर्मी गंगा नदी पार कर नाव से बूथ तक पहुंचे, तो यह दृश्य लोकतंत्र की असली ताकत को बयां कर रहा था।
कहीं टूटी सड़कों पर ट्रैक्टर से ईवीएम जा रही हैं, तो कहीं नाव में बैठकर कर्मी और सुरक्षाकर्मी बूथ तक पहुंच रहे हैं।
हर मुश्किल के बावजूद मतदान कर्मियों का जज़्बा और मतदाताओं का उत्साह बता रहा है कि बिहार का मतदाता अब बदलाव और भागीदारी दोनों के लिए तैयार है।
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निर्णायक चरण की लड़ाई
पहले चरण का यह मतदान बिहार की राजनीति की दिशा तय करेगा।
तेजस्वी यादव और एनडीए के दिग्गजों के बीच मुकाबला अब केवल सीटों का नहीं रहा, बल्कि यह नेतृत्व, भरोसे और भविष्य की सोच की लड़ाई बन चुका है।
इन 121 सीटों का नतीजा यह संकेत देगा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है या स्थिरता पर भरोसा रखती है।

